निर्जला एकादशी व्रत के साथ आंगनवाडी कार्यकर्ताओं ने लोगों को बांटी जिंदगी
खुद भूखे प्यासे रह कर लोगों को लगवाया सुरक्षा का टीका
AKHILESH BILLORE (UNI) , HARDA (म. प्र.)
प्रदेश में 21 जून 2021 से प्रारंभ कोविड-19 टीकाकरण महा अभियान अंतर्गत जिला हरदा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने लोगों को टीकाकरण केंद्र तक लाकर टीका लगवाया एवं जिले की लक्ष्य पूर्ति में विशेष भूमिका निभाई। कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं ऐसी भी रहीं, जिन्होंने निर्जला एकादशी का व्रत होते हुए भी भूखे प्यासे फील्ड में रहकर मोबिलाइजेशन का काम किया, इन महिलाओं ने स्वयं प्यासे रहकर औरों को जिंदगी के टीके लगवाएं।
परियोजना टिमरनी से करुणा ग्राम सोनपुर, हरदा शहरी परियोजना से केंद्र क्रमांक 02 सेवंती शर्मा, केंद्र क्रमांक 3 क्षमा शर्मा, केंद्र क्रमांक 4 नर्मदा त्यागी, केंद्र क्रमांक 11 रेखा यादव, केंद्र क्रमांक 14 अरुणलता दुबे, केंद्र क्रमांक 15 ललिता चंद्रवंशी, केंद्र क्रमांक 18 सरला शर्मा, आरती तिवारी, केंद्र क्रमांक 24 रानी शर्मा, अबगांव कला से महिमा शर्मा, बैडी से माया कैलाश विश्नोई आदि द्वारा निर्जला एकादशी रखते हुए टीकाकरण अभियान में अपना योगदान दिया।शहरी परियोजना हरदा की ही रंजना चतुर्वेदी केंद्र क्रमांक 28, लीला यादव केंद्र क्रमांक 45, सुबुद्धि सोनी केंद्र क्रमांक 39, शीला सरोवर केंद्र क्रमांक 69 ने भी अपने निर्जला व्रत के साथ साथ घर घर जा कर लोगो को टीकाकरण केंद्र तक लाकर टीका लगवाया गया ।
केन्द्र खमलाय विद्या बघेल, हरपालिका लता बघेल, कुसुम सांगोले केन्द्र सिराली द्वारा 100 लोगो को प्रोत्साहित कर टीकाकरण करवाया गया, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गिरिजा पुजारी महेन्द्रगांव, दुर्गा खोदरे दीपगाॅवकला आदि द्वारा भी अपने वृत के साथ-साथ अपने कर्तव्य का पालन किया गया।
ग्राम बैडी में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमति माया विश्नोई द्वारा अपने निर्जला एकादशी व्रत के साथ कुल 93 लोगो को प्रोत्साहित कर टीका लगवाया, जिनमे से एक 35 वर्षीय पुरुष राजस्थान राज्य का भी शामिल था। श्रीमति माया द्वारा बुजुर्ग दम्पत्ति रामभरोश कारीगर (उम्र 56 वर्ष) पत्नि बसु बाई कारीगर (उम्र 54 वर्ष) इसी प्रकार नवदम्पत्ति में पवन राजपूत (उम्र 21 वर्ष) पत्नि मोनिका राजपूत (उम्र 19 वर्ष) का भी टीकाकरण करवाया गया। इस प्रकार महाभियान में सेवारत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने फील्ड स्तर पर जिंदगी के टीके बांटे।
इनका कहना है :-
जिंदगी बचाना सबसे बड़ा पुण्य का काम है । एकादशी का निर्जला व्रत रखकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने लोगों को बांटी जिंदगीयाँ । महिलाओं ने निर्जला ग्यारस (एकादशी) का व्रत रखकर बगैर कुछ खाए, पीये पूरे दिन लोगों को घर-घर से निकाल कर और टीकाकरण में अपनी सेवाएं दी ताकि किसी की जिंदगी बच सके , आने वाले समय में वह सुरक्षित रह सके । महिलाओं में भावना होती है कि जो अपने परिवार के साथ - साथ लोगों को भी सुरक्षित रखने हेतु एकादशी का निर्जला व्रत रखकर लोकहित में अपना योगदान दिया है । उन्होंने इसी कड़ी में जनमानस के लिए व्रत रखा और संकल्प लिया कि मेरा भारत मेरा शहर सुरक्षित रहे और उन्मुक्त हो ।
रेखा विश्नोई , समाजसेवी हरदा (म. प्र.) |