कैलिफोर्निया । नासा के इनसाईट लैंडर ने मंगल ग्रह पर 1000 दिन पूरे किए हैं। यह दिन और भी खास रहा है, क्योंकि इनसाइट ने मंगल ग्रह के सबसे बड़े और सबसे लंबे भूकंप डिटेक्ट किए हैं। इन झटकों की तीव्रता 4.2 मापी गई थी और ये करीब डेढ़ घंटे तक चले। एक महीने में इनसाइट ने यह तीसरा भूकंप डिटेक्ट किया है। 
इससे पहले भी एक 4.2 और दूसरा 4.1 तीव्रता का भूकंप आया था। नासा के मंगल एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम के मुताबिक इस मिशन का काम मंगल की अंदरूनी जानकारी जुटाने के लिए सिस्मिक वेव को स्टडी करना है। ये तरंगें मंगल के अंदर ट्रैवल करते हुए अलग-अलग परत से गुजरते हुए बदलती रहती हैं। इससे वैज्ञानिक पता लगा पाते हैं कि अंदर असल में है क्या। अगस्त में आए भूकंप को स्टडी करके वैज्ञानिक ग्रह के बारे में अहम जानकारियां जुटा रहे हैं।
वे अभी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि भूकंप का स्रोत क्या था और सीस्मिक तरंगें किस दिशा में चली थीं। हो सकता है कि ये सेर्बरस फॉसी की ओर से आई हों जो लैंडर से करीब 1609 किलोमीटर दूर है। माना जाता है कि यहां लाखों साल पहले लावा बहकर निकला होगा। एक संभावना यह भी है कि करीब 9700 किमी दूर वाल्स मैरीनरीज से आई हों। यह एक विशाल कैनयान सिस्टम है। दिलचस्प बात यह है कि पहले आए भूकंप अलग-अलग थे। एक के वाइब्रेशन धीमे और कम फ्रीक्वेंसी के थे, जबकि दूसरे के तेज और ज्यादा फ्रीक्वेंसी के थे। ऐसे अलग-अलग ऑब्जर्वेशन से वैज्ञानिकों को मंगल के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी। 
वहीं, इनसाइट लैंडर कुछ समय पहले तक जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा था। दरअसल, इसके ऊपर धूल जमा हो गई थी, जिससे इसके सोलर पैनल ज्यादा ऊर्जा नहीं पैदा कर पा रहे थे। इस समय मंगल सूरज से दूर भी है, जिसके कारण एक समय में माना जा रहा था कि मिशन को साल 2022 से पहले ही खत्म करना पड़ सकता है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने इसकी रोबॉटिक आर्म को थोड़ा सा हिलाकर धूल को सोलर पैनल से हटाया और ऊर्जा में स्थिरता देखी गई। आखिरकार लैंडर ने एक महीने में तीन भूकंप खोजकर अपने मिशन को बड़ी सफलता दी है।