नई दिल्ली । नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उपक्रम भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) की 34वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) आज आयोजित की गई। इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2020-21 के वार्षिक लेखा को प्रस्तुत किया गया। शेयरधारकों को संबोधित करते हुए इरेडा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रदीप कुमार दास ने कहा कि “महामारी के प्रकोप के बावजूद इरेडा ने वित्त वर्ष 2020-21 में 8,827 करोड़ रुपये की राशि के दूसरे उच्चतम ऋण संवितरण (स्थापना के बाद से) को पूरा किया है, जबकि पिछले वर्ष में उच्चतम 241.11 करोड़ रुपये की राशि से 136.20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 569.52 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ और पिछले वर्ष में एनपीए में 7.18 प्रतिशत शुद्ध कमी से वित्त वर्ष 2020-21 के समाप्त होने तक 5.61 प्रतिशत तक रहा है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 22 प्रतिशत की महत्वपूर्ण कमी है। सीएमडी ने कहा कि, “इरेडा मार्च 2021 को समाप्त होने वाले 28000 करोड़ रुपये (लगभग) से मार्च 2026 तक 1.35 लाख करोड़ रुपये तक की ऋण पुस्तिका में पांच गुना वृद्धि के लिए तैयार है। 
कंपनी की योजना राजस्व बढ़ाने की है। वित्त वर्ष 2020-21 में प्रति कर्मचारी 17 करोड़ रुपये (लगभग) से वित्त वर्ष 2025-26 को समाप्त होने वाले 55 करोड़ रुपये (लगभग) का प्रयोजन है। दास ने कहा कि इरेडा वर्तमान में एक ऋण सूचीबद्ध कंपनी है और यह इक्विटी सूचीबद्ध करने की दिशा में काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इरेडा नए इक्विटी शेयरों का आईपीओ भी लाएगी और आगे की व्यवस्था के लिए पूंजी जुटाने हेतु अंतरराष्ट्रीय तथा घरेलू बाजार में ग्रीन बांड जारी करने की योजना बना रही है। इरेडा के सीएमडी ने कहा कि इरेडा बड़े संस्थागत निवेशकों जैसे पेंशन फंड, बीमा फंड, पर्यावरण, सामाजिक और शासन कोष, आदि को टैप करने के लिए एक वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के रूप में एक ऋण कोष स्थापित करने की प्रक्रिया में है। एआईएफ उन उधारकर्ताओं की नई परियोजनाओं के वित्तपोषण में भी इरेडा की मदद करेगा जो एक्सपोजर सीमा के करीब हैं। कंपनी पास-थ्रू सर्टिफिकेट जारी करके एसेट-बेस्ड सिक्योरिटाइजेशन (एबीएस) करने की भी योजना बना रही है।