वाराणसी । भारत में पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लोग जल्दी ही रोपवे का आनंद ले सकेंगे। अभी तक केवल पहाड़ी इलाकों और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ही रोप वे की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन सामान्य यातायात में इसका प्रयोग पहली बार वाराणसी में किया जा रहा है। यह सफर कैंट स्टेशन से गिरिजाघर तिराहे तक करीब 5 किमी का होगा। जिसमे यात्रियों को हर डेढ़ मिनट में ट्राली मिलेगी। 
भारत सरकार की सहयोगी कंपनी वैपकॉस ने इस प्रोजेक्ट से जुड़ी सर्वे की फाइनल रिपोर्ट वाराणसी विकास प्राधिकरण को सौंप दी है। बताया जाता है कि दो से तीन दिन में यह रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।
वाराणसी में कैंट स्टेशन के बाहर पंडित कमलापति त्रिपाठी इंटर कॉलेज से परियोजना शुरू होगी। यानी इसी जगह से रोपवे शुरू होकर गोदौलिया से पहले गिरिजाघर तिराहे के बीच चलेगी। यह रूट कैंट स्टेशन के बाद साजन तिराहा, रथयात्रा, लक्सा होते हुए गिरिजाघर तिराहे तक रहेगा। स्टापेज साजन तिराहा और रथयात्रा हो सकते हैं। पांच किमी के इस रूट पर 221 ट्राली दौड़ेंगी। एक ट्राली में एक बार में दस मुसाफिर सफर कर सकेंगे। हालांकि कितने मिनट के अंतराल पर ट्राली मिलेगी, इसको लेकर अभी चर्चा नहीं हुई है, लेकिन बताया जा रहा है कि डेढ़ से दो मिनट का अंतराल हो सकता है।
यूपी के शहरी आवास विभाग में संस्तुति के लिए दो से तीन दिन में भेजेगा। वहां से स्वीकृति के बाद रिपोर्ट केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमी में भेजी जाएगी। वहां से सहमति मिलते ही योजना पर काम शुरू हो जाएगा। माना जा रहा है कि अक्टूबर के दूसरे हफ्ते तक फाइनल मुहर लगने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस परियोजना पर करीब 424 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका पूरा खाका भारत सरकार की सहयोगी कंपनी वैपकॉस ने तैयार किया है। वीडीए उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर इस परियोजना को पूरा करने की योजना है। वाराणसी विकास प्राधिकरण इस पूरे प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी होगा। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर वैपकास और वीडीए के बीच संसाधन के मुद्दे पर समझौता हो गया है।