नई दिल्ली । बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ में बदल गया है। मौसम विभाग (आईएमडी) ने उत्तरी आंध्र प्रदेश और उससे लगे दक्षिण ओडिशा के तटीय इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आईएमडी के तूफान चेतावनी प्रभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान के पश्चिम की ओर बढ़ने और रविवार शाम को उत्तरी आंध्र प्रदेश के कलिंगपत्तन और दक्षिणी ओडिशा के गोपालपुर तट के बीच से गुजरने की संभावना है। उत्तरी आंध्र प्रदेश और उससे सटे दक्षिण ओडिशा के लिए तूफान की चेतावनी जारी की गई है। आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही इस तूफान का असर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा तक में देखने को मिलेगा। संभावना जताई गई है कि गुजरात पहुंचने तक यह चक्रवात कम दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा। इसके बाद दो कम दबाव के क्षेत्र उत्पन्न होने की संभावना है। इन दोनों के कारण मानसून भी देश में सितंबर के अंत तक बना रहेगा।
25 सितंबर तक देश में 838.5 मिमी बारिश हो चुकी है, जो इस अवधि में होने वाली 859.9 मिमी बारिश से सिर्फ 2 फीसदी ही कम है। देश में एक जून से 30 सितंबर के दौरान मानसूनी सीजन में सामान्य रूप से 880.6 मिमी बारिश होती है। वहीं स्काईमेट वेदर के अनुसार सितंबर के आखिरी हफ्ते में तेज बारिश के कारण देश में सोयाबीन और दलहन की फसलों को बड़ा नुकसान हो सकता है। कहा गया है कि अगर मानसून समय पर वापस जाता तो यह फायदेमंद अधिक रहता।
ओडिशा के गोपालपुर और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम तटों के बीच से रविवार को ‘गुलाब’ चक्रवात के गुजरने की आशंका है जिसके मद्देनजर बचाव और राहत कार्यों के लिए उत्तर तटीय आंध्र जिलों में एनडीआरएफ के तीन और एसडीआरएफ के एक दल को तैनात किया गया है। विशाखापत्तनम में एसडीआरएफ के एक दल को भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रखा गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इन जिलों के मछुआरों से 27 सितंबर तक समुद्र में न जाने को कहा है। विशाखापत्तनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम जिलों में निचले इलाकों से लगभग 86,000 परिवारों को राहत शिविरों में स्थानांतरित करने की को योजना बनाई गई है।