जयपुर । सचिन पायलट ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) का अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री बनने से इंकार कर दिया है। पायलट ने कांग्रेस आलाकमान से कहा,मैं साढ़े 6 साल तक पीसीसी अध्यक्ष रहा हूं,इसके बाद एक बार फिर इस पद पर काम नहीं करना चाहता हूं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पायलट की 17 सितंबर को दिल्ली में मुलाकात हुई।
मुलाकात के बाद पिछले दो दिन में आलाकमान की तरफ से पायलट को पीसीसी अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर दिया गया है। लेकिन पायलट ने दोनों पद लेने से इंकार किया है। लंबे समय तक राजस्थान के प्रभारी रह चुके राष्ट्रीय पदाधिकारी ने बताया कि राहुल ने पायलट से चर्चा करने के बाद पिछले 10 साल में राज्य के प्रभारी महासचिव व सचिव रहे नेताओं से फीडबैक लिया है। 
सूत्रों के अनुसार हर तरफ से फीडबैक मिलने के बाद आलाकमान ने पायलट और उनके समर्थकों का सत्ता व संगठन में महत्व देने का पक्का मन बना लिया है। पायलट को कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया जा सकता है। शुक्रवार को आलाकमान का इस बारे में पायलट को संदेश मिला, लेकिन उन्होंने दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव तक राज्य में ही सक्रिय रहने की बात कही है।इसके बाद अब उन्हें महासचिव बनाने के साथ ही विधानसभा चुनाव से एक साल पहले राज्य की चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाने का आश्वासन दिया गया है। 
कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नाराज नहीं करना चाहता है। पिछले चार दशक से गहलोत की गांधी परिवार से निकटता को देखकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उन्हें नाराज नहीं करना चाहती है। वहीं उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में गुर्जर वोट बैंक पार्टी से जोड़ने के लिहाज से पायलट को भी खुश करने की रणनीति बन रही है।इसके बाद गहलोत के सीएम रहते हुए पायलट समर्थकों को मंत्रिमंडल और राजनीतिक नियुक्तियों में अधिक महत्व दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार आलाकमान ने गहलोत को भी इसके संकेत दिए हैं कि वह अपने खेमे के नेताओं के स्थान पर पायलट समर्थकों को राजनीतिक नियुक्तियों में ज्यादा महत्व दें।गहलोत भी नवरात्रा स्थापना के बाद दिल्ली जा सकते हैं। वहीं प्रदेश प्रभारी अजय माकन 28 और 29 सितंबर को राज्य के दौरे पर रहने वाले है। 
कल्कि पीठाधीश आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पंजाब की तर्ज पर राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने की मांग की है। उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं की बात कर रहा हूं। राजस्थान के कार्यकर्ताओं में यह आम चर्चा है कि पायलट के साथ नाइंसाफी हुई है। पायलट ने आलाकमान के हर निर्देश का पालन किया। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत बहुत सम्मानित नेता हैं। गहलोत ने खुद कहा था कि नए लोग आगे आएं, गहलोत को अब अपने बयान का मान रखना चाहिए।