नई दिल्ली. केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ विभिन्न किसान यूनियनों के भारत बंद (Kisan Union Bharat Bandh)के कारण देश के कई हिस्सों में, खासतौर से हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जनजीवन सोमवार को बाधित हो गया. विभिन्न जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने राजमार्गों और प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध कर दिया. कई स्थानों पर वे रेल की पटरियों पर भी बैठ गए जिससे रेल यातायात प्रभावित हुआ.
बंद में शामिल 40 से अधिक किसान यूनियनों के मंच ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (एसकेएम) ने किसान विरोध के 10 महीने पूरे होने और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के तीनों कानून पर मुहर लगाने के एक साल पूरा होने के मौके को चिह्नित करने के लिए सोमवार को बंद का आह्वान किया है. बंद सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक जारी रहेगा.
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने आए दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष को किसानों ने वापस लौटा दिया. बीकेयू नेता प्रवीण मलिक ने कहा, 'हमने उनसे कहा कि इस बंद का समर्थन देने के लिए हम आपके शुक्रगुजार है, लेकिन हमारा प्रदर्शन और मंच आराजनीतिक है. हमने पहले ही घोषणा कर दी थी कि हम किसी राजनीतिक दल को अपने मंच पर जगह नहीं देंगे, इसीलिए हमने उनसे अपने धरणा स्थल से थोड़ी दूर प्रदर्शन करने के लिए कहा.'
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अब तक आंदोलन पूर्ण रुप से सफल रहा है. उन्होंने आगे कहा, ' गांव में जाओ आज भी दाम नहीं मिल रहा है ,किसान बर्बाद हो गया है और आप बीजेपी का भजन गा रहे है. सरकार खरीदे या व्यापारी. आप जाओ गांव में ,कहां बिक रहा है जगह तो बता दो ,कहीं भी नहीं बिक रहा है ,आप जाओ तो. '
भारत बंद को लेकर किसानों ने आज यमुना एक्सप्रेसवे के ज़ेवर टोल को बंद कर दिया जिसकी वजह से लोगों को काफ़ी परेशानी झेलनी पड़ी. हालांकि थोड़ी देर बाद सड़क के दोनों तरफ़ सिंगल-सिंगल लेन खोल दी गई. जिससे कि गाड़ियां एक-एक कर निकल सके लेकिन इस बीच सिंगल लेन खुली होने की वजह से लंबा ट्रैफ़िक जैम लग गया और लोगों की परेशानियां. 
केन्द्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान यूनियनों के भारत बंद के कारण भारत के कई हिस्सों में, विशेष रूप से हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जनजीवन सोमवार को बाधित हो गया। विभिन्न जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने राजमार्गों और प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। कई स्थानों पर वे रेल की पटरियों पर भी बैठ गए जिससे रेल यातायात प्रभावित हुआ।
गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'हमारा 'भारत बंद' सफल रहा. हमें किसानों का पूरा समर्थन मिला... हम सब कुछ सील नहीं कर सकते, क्योंकि हमें लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाना है. हम सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन कोई बातचीत नहीं हो रही है. उन्होंने (योगी आदित्यनाथ) घोषणापत्र में गन्ने का मूल्य बढ़ाकर 375-450 रुपये करने का वादा किया था, फिर भी उन्होंने केवल 25 रुपये ही बढ़ाए. उन्हें हुए नुकसान का हिसाब देना चाहिए.
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों (Farmers) द्वारा आहूत भारत बंद (Bharat Bandh) के समर्थन में कांग्रेस, वाम दलों, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और अन्य ने तेलंगाना में सोमवार को विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किए.
बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने गन्ने का मूल्य बढ़ाकर 375-450 करने का वादा किसानों से किया था. उन्होंने सिर्फ 25 रुपये ही मूल्य बढ़ाए. उन्हें किसानों के नुकसान का हिसाब देना होगा.