झारखण्ड   स्वास्थ्य विभाग में एक से बढ़कर गड़बडिय़ां उजागर हो रही हैं। अब झरिया-जोड़ापोखर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चौंकाने वाली घटना हुई है। वहां से कोरोनारोधी टीकाकरण से संबंधित तमाम रिकार्ड चोरी हो गए हैं। इसकी सूचना प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाप्रतिमा दत्ता ने सिविल सर्जन डाश्याम किशोर कांत को दी है। इसके पहले वर्ष 2016 में इसी केंद्र में करीब सात करोड़ रुपये का घोटाला भी हो चुका है। इसकी एंटी करप्शन ब्यूरो से जांच कराई जा रही है। इसमें दो पूर्व सिविल सर्जन समेत कई कर्मचारी आरोपित हैं।

झरिया सीएचसी में कोरोनारोधी टीकाकरण की स्थिति की जांच बुधवार को होनी है। इसके लिए केंद्रीय और राज्यस्तरीय टीम धनबाद पहुंच चुकी है। जांच के एक दिन पहले ही टीकाकरण का रिकार्ड चोरी हो जाना कई सवालों को जन्म दे रहा है।

आपूर्ति और खपत में घालमेल

केंद्रीय टीम धनबाद के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर वहां कोरोनारोधी टीका की आपूर्ति और उसके खपत की जांच कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि आपूर्ति के मुकाबले खपत में कोई गड़बड़ी तो नहीं। टीका कहीं अन्यत्र तो नहीं खपाया गया। केंद्रीय टीम ने मंगलवार को धनबाद प्रखंड में जांच की। अब बुधवार को टीम झरिया जाने वाली हैलेकिन उसके पहले ही चोरी का मामला सामने आने के कारण अधिकारियों को जवाब नहीं सूझ रहा है। विभाग के अधिकारी चोरी गए रिकार्ड के बारे में जानकारी ले रहे हंै। रिकार्ड में वैक्सीन से संबंधित तमाम जानकारी रहती है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को चोरी हुए समस्त रिकार्ड की जानकारी देने को कहा गया है। जांच करने आई केंद्रीय टीम को भी इसकी जानकारी दी गई है।

स्वास्थ्य विभाग में लगातार गड़बडिय़ां सामने  रही हंै। झरिया-जोड़ापोखर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुए सात करोड़ के घोटाले के आरोपित को फिर धनबाद स्वास्थ्य केंद्र में नौकरी देने का मामला उजागर किया था। इसके बाद आरोपित कर्मी अश्विनी कर्मी को हटाया गया। इसके अलावा धनबाद स्वास्थ्य केंद्र में ही एक कर्मी ने चार लाख रुपये की दवा बिना विभागीय आदेश के ही खरीद ली थी। इसकी भी जांच चल रही है।रिकार्ड चोरी हो जाना मामला गंभीर है। इस संबंध में जो भी दोषी होंगेउस पर जांच कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।