चंडीगढ़ | पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की कैबिनेट में लोकप्रिय नेताओं को शामिल करने के लिए कांग्रेस हाईकमान पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों के सर्वेक्षणों को ध्यान में रख रही है. बताया जा रहा है कि इसके चलते मंत्रिमंडल के गठन में थोड़ी देरी हो सकती है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जिन कांग्रेस विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया जाना है पार्टी ने अभी के नामों को अंतिम रूप नहीं दिया है. यहां तक कि चन्नी, उनके दो डिप्टी सीएम और पीपीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्यसभा सांसद अंबिका सोनी और महासचिव प्रभारी हरीश रावत से दिल्ली में दो अलग-अलग बैठकों में मुलाकात की है.
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि हाईकमान ने पहले ही सभी विधायकों का सर्वे करा लिया था. वे अब यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि केवल उन्हीं विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए जो लोकप्रिय हैं और दागी नहीं हैं.
सत्ता विरोधी लहर का सामना नहीं करना चाहती हैं कांग्रेस
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस में एक राय यह भी थी कि आगामी चुनाव को लेकर अमरिंदर के मंत्रिमंडल में अधिकांश मंत्रियों को फिर से कैबिनेट में शामिल किया जाना चाहिए लेकिन हाईकमान यह भी चाहती है कि कैबिनेट में ऐसा कोई भी व्यक्ति न हो जिस पर भ्रष्टाचार के आरोप हों. हाइकमान चाहती है कि सभी मंत्री लोकप्रिय हों और चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का सामना न करना पड़े.
कैबिनेट के बारे में राजभवन को 24 घंटे में करना होगा सूचित
राज्य में परिवर्तन के बाद लंबित अभ्यास के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा कि हम बहुत जल्द पंजाब के नए मंत्रिमंडल पर निर्णय लेंगे. बीते मंगलवार को सीएम चन्नी बुधवार को सुबह अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पहुंचे जहां चन्नी के सीएम बनने के बाद उन्होंने मत्था टेका. सूत्रों ने बताया कि अगर राहुल बुधवार को सूची को हरी झंडी दे देते हैं तो गुरुवार से पहले मंत्री शपथ नहीं ले पाएंगे.
एक सूत्र ने कहा कि राजभवन कम से कम 24 घंटे की पूर्व सूचना चाहता है क्योंकि अगर 15 मंत्री शपथ लेते हैं तो उन्हें कम से कम 150 मेहमानों की व्यवस्था करनी होगी. 117 विधायकों वाले सदन में कैबिनेट में सीएम समेत कुल 18 मंत्री हो सकते हैं. कैबिनेट विस्तार में देरी होने से पार्टी के नेता बेचैन हो रहे हैं. कई नेताओं ने कहा कि उन्हें अब तक नाम की घोषणा कर देनी चाहिए थी.
चूंकि पार्टी कैबिनेट मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, अमरगढ़ के विधायक सुरजीत धीमान ने मंगलवार को एक अल्टीमेटम दिया कि अगर पार्टी मंत्रिमंडल में कम से कम दो पिछड़े वर्ग के नेताओं का नाम शामिल नहीं करती है तो वह विधानसभा से इस्तीफा दे देंगे.