नई दिल्ली । भारत में जल्द ही बच्चों के लिए कोरोना वायरस की वैक्सीन आ सकती है। भारत बायोटेक ने कहा कि कंपनी के 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर इस्तेमाल के लिए कोविड रोधी टीके कोवैक्सीन के दूसरे-तीसरे चरण का परीक्षण पूरा हो गया है और अगले हफ्ते तक भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को आंकड़े सौंपने की उम्मीद है। भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कृष्ण एल्ला ने कहा कि कोवैक्सीन का उत्पादन अक्टूबर में 5.5 करोड़ खुराकों तक पहुंच जाएगा, जो सितंबर में 3.5 करोड़ खुराक है। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी के कोविड-19 रोधी इंट्रानैज़ल टीके (नाक से दिया जाने वाला टीका) के दूसरे चरण का परीक्षण अगले महीने तक पूरा होने की उम्मीद है। एल्ला ने कहा, बच्चों के कोवैक्सीन के दूसरे-तीसरे चरण का परीक्षण पूरा हो गया है। आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है। हम अगले हफ्ते तक आंकड़ों को (नियामक को) सौंप देंगे। स्वयंसेवकों की संख्या करीब एक हजार है। उन्होंने कहा कि इंट्रानैज़ल टीका नाक में ही प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दे सकता है जो कोरोना वायरस का प्रवेश द्वार है और इस तरह बीमारी, संक्रमण और संचरण से सुरक्षा प्राप्त हो सकती है। एल्ला के मुताबिक, इंट्रानैज़ल टीके का परीक्षण तीन समूहों पर किया जा रहा है, जिनमें से एक समूह को पहली खुराक के तौर पर कोवैक्सीन टीका दिया गया और दूसरी खुराक के तौर पर इंट्रानैज़ल टीका दिया गया है यानी नाक से टीका दिया गया। उन्होंने बताया कि इस तरह से दूसरे समूह को सिर्फ इंट्रानैज़ल टीका दिया गया है जबकि तीसरे समूह को इंट्रानैज़ल और कोवैक्सीन का टीका 28 दिन के अंतराल पर दिया गया है। एल्ला ने बताया कि परीक्षण 650 स्वयंसेवकों पर किया जाएगा। कोवैक्सीन के उत्पादन स्तर पर एल्ला ने कहा कि हर महीने 10 करोड़ खुराकें बनाना तभी संभव हो पाएगा, जब अन्य विनिर्माण साझेदार सुरक्षा व अन्य मापदंड के साथ तैयार हों। भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के निर्माण के लिए इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स एंड हेस्टर बायोसाइंसेज के साथ समझौता किया है।