भोपाल । प्रदेश में जिस तरह से डेंगू अपने पैर पसार रहा है उसने चिंता बढ़ा दी है। रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण मच्छर पनप रहे हैं और उनसे बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। वहीं गंभीर मरीजों में ब्लड सेल बढ़ाने के लिए प्लाज्मा तक चढ़ाना पड़ रहा है, जिसके लिए ब्लड बंैकों में मारामारी मची है। सरकारी आंकड़ों में शहर में अभी तक 300 डेंगू के मरीज हैं, लेकिन शहर के सभी निजी अस्पताल डेंगू के मरीजों से भरे पड़े हैं। हर अस्पताल में डेंगू का मरीज मिल जाएगा। डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू के शुरुआती लक्षण वायरल जैसे होते हैं, इसलिए लोग इसे सामान्य बुखार समझकर अस्पताल आने में देर कर देते हैं और वह बढ़ता जाता है। जब मरीज में कमजोरी आने लगती है तब वे अस्पताल की ओर दौड़ते हैं, लेकिन इनमें से कई मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें प्लाज्मा चढ़ाने की जरूरत पड़ जाती है।

 सितंबर में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 200 के पार
राजधानी में डेंगू संक्रमण का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। सितंबर में अब तक कुल 204 डेंगू मरीज मिल चुके हैं। वहीं इस सीजन में मिले कुल मरीजों की संख्या 304 है। करीब 15 मरीजों का निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी के निर्देशन एवं जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे के नेतृत्व में डेंगू एवं मलेरिया जन जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत मलेरिया, नगर निगम और एम्बेड टीम ने संयुक्त रूप से लार्वा सर्वे व लार्वा विनिष्टिकरण की कार्यवाही के साथ ही लार्वा प्राप्त घरों में नगर निगम के द्वारा जुर्माने की कार्यवाही की जा रही है। डॉ. तिवारी ने बताया कि टीम के द्वारा घर-घर जाकर लोगों को समझाया गया। नागरिकों से पानी नहीं जमा होने दे, गमले का पानी व फिश पॉट का पानी नियमित बदलने की अपील की। नागरिकों को टीम ने पैम्फलेट्स बांटकर राहगीरों को समझाया और दुकानों व घरों पर पैम्फलेट्स चिपकाए। इस दौरान टीम ने स्कूल शिक्षक व बच्चों को डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिये साधन उपयोग करने के लिए बताया। साथ ही कहा कि बच्चे स्कूल की ड्रेस में फुल आस्तीन के कपड़े जरूर पहने, डेंगू का मच्छर दिन में काटता है।
घरों में मिले डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर
राजधानी में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम हेतु घर-घर मच्छर के लार्वा की जांच के साथ ही फॉगिंग और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है। जांच के दौरान डेंगू लार्वा की संभावना वाले घरों में पानी के बर्तनों, टायर, गमले आदि को खाली कराकर सावधानी न बरतने वालों के विरुद्ध स्पॉट फाइन की कार्रवाई भी की जा रही है।