प्रत्येक खिलाड़ी को 31 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी

भोपाल. टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में शानदार प्रदर्शन कर सबका दिल जीतने वाली महिला भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian women’s hockey team) सोमवार देर शाम भोपाल पहुंची. टीम यहां मध्य प्रदेश सरकार की मेहमान है. सीएम शिवराज मंगलवार को टीम का सम्मान करेंगे. टीम की सभी खिलाड़ियों को 31-31लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी. 85 साल के बाद ये अवसर आया है जब भारतीय महिला हॉकी टीम भोपाल पहुंची है. टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बावजूद टीम हार गयी थी. लेकिन उनके प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओलंपिक समापन के दौरान ही महिला हॉकी खिलाड़ियों को सम्मानित करने की घोषणा की थी.

भारतीय महिला हॉकी टीम के सदस्य 
सुश्री रानी रामपाल (कप्तान) ,सविता पूनिया, दीप ग्रेस एक्का, निशा, गुरजीत कौर, सलीमा टेटे, उदिता, मोनिका, निक्की प्रधान, नेहा, पी सुशीला चानू, वंदना कटारिया, नवनीत कौर, नवजोत कौर, शर्मिला देवी, लालरेमसियामी, ई.रजनी, रीना खोकर और नमिता टोप्पो है.

भारतीय टीम का प्रदर्शन
भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार ओलंपिक के सेमिफाइनल तक पहुंची थी. ओलम्पिक के सेमिफाइनल का सफर तय कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की थी. कांस्य पदक के मुकाबले में भारतीय टीम को बेहद करीबी अंतर से इंग्लैंड से 3- 4 से हार का सामना करना पड़ा था. इससे पहले भारत ने क्वार्टर फाइनल में ओलंपिक और विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमिफाइनल में जगह बनाई थी. इस मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से शिकस्त दी थी. लीग मुकाबलों में भारतीय महिला हॉकी टीम का प्रदर्शन सराहनीय रहा था.


85 साल बाद हॉकी टीम भोपाल में 
टोक्यो ओलंपिक में भारत का झंडा बुलंद करने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम देर शाम राजधानी भोपाल पहुंची. भोपाल एयरपोर्ट पर खिलाड़ियों का जोरदार स्वागत किया गया. आज दोपहर 2 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मिंटो हॉल में टीम के हर सदस्य को 31-31 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि से सम्मानित करेंगे. मध्य प्रदेश में 85 साल बाद ऐसा हो रहा है जब भारतीय महिला हॉकी टीम भोपाल पहुंची है. इससे पहले बर्लिन ओलंपिक खेलने वाली पुरुष हॉकी टीम मेजर ध्यानचंद के नेतृत्व में 17 जून 1936 को भोपाल आई थी. टीम ने भोपाल स्टेट इलेवन के खिलाफ अभ्यास मैच खेला था. तब नवाब ऑफ भोपाल ने टीम को 1000 रुपये की वित्तीय सहायता दी थी.