नई दिल्ली| वित्तीय भ्रष्टाचार की शिकायतों के कारण भाजपा के तीन पार्षदों के ऊपर पार्टी की गाज गिरी है और भाजपा दिल्ली प्रदेश इकाई ने छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है. पार्टी ने इन तीनों पार्षदों को कड़े शब्दों में एक पत्र भी जारी किया है, जिसमें लिखा था ‘आपको सूचित किया जाता है कि अत्यधिक वित्तीय भ्रष्टाचार की कई शिकायतों के कारण आपको छह साल की अवधि के लिए भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है. आपको इन शिकायतों के बारे में पूर्व में कई बार सूचित किया गया था और भ्रष्ट व्यवहार को ठीक करने के लिए कहा गया था, लेकिन आपमें कोई सुधार नहीं देखा गया. इसलिए आपको तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाता है.’ आइए, जानते हैं कौन हैं ये पार्षद और क्या आरोप इनके खिलाफ लगे थे?
न्यू अशोक नगर से पार्षद रजनी बबलू पांडेय
पार्षद रजनी बबलू पांडेय का एक ऑडियो रिकॉर्डिंग पिछले साल अगस्त में सार्वजनिक हुई थी, जिसमें कथित तौर पर एक बिल्डर और पांडे के साले निशांत के बीच का संवाद सुनाई देता है, जिसमें बिल्डर को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उसने उसे (पार्षद के साले) और एक जूनियर इंजीनियर को पैसे दिए हैं, लेकिन निर्माण परियोजना रुकी हुई है. आप ने बाद में प्रेस कांफ्रेंस करके आरोप लगाया था कि पार्षद और उनकी टीम इस तरह की गतिविधियों के कारण अपने इलाके में बदनाम है. इसके बाद भाजपा ने तत्कालीन ईडीएमसी स्थायी समिति के प्रमुख परवेश शर्मा के नेतृत्व में एक समिति गठित की थी.
भाजपा के पदाधिकारी ने कहा, ‘निर्माण कार्य के लिए पैसे लेन-देन की शिकायत थी और समिति की रिपोर्ट में कुछ आरोप सही पाए गए थे.’ भाजपा सांसद गौतम गम्भीर और कुछ पार्टी पदाधिकारियों ने भी पार्षद के रिश्तेदार के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की शिकायत की थी. गौतम ने इसे अच्छा कदम करार दिया है. जबकि पांडेय का कहना है कि कुछ लोगों ने ईर्ष्यावश पार्टी के भीतर दुष्प्रचार किया है. उन्होंने कहा, ‘मैं आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाला था, इसलिए मेरे खिलाफ कार्रवाई की गयी है.’
संजय ठाकुर, सैद-उल-अजैब से पार्षद
ठाकुर के खिलाफ अचल संपत्ति से संबंधित धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप थे. उनके खिलाफ सरकारी जमीन पर कब्जा करने की शिकायत दर्ज की गई थी. पिछले साल 10 जून को भी ग्रेटर कैलाश में एक व्यक्ति के घर पर जबरदस्ती कब्जा करने के आरोप में उनके खिलाफ एक और शिकायत दर्ज की गई थी. जनवरी 2020 में पटना के एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर द्वारा ठाकुर के खिलाफ कथित रूप से फर्जी संपत्ति दस्तावेज बनाने की शिकायत भी की गई थी. आप ने इस साल अप्रैल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी और आरोप लगाया था कि ठाकुर जबरन वसूली और कुछ बिल्डरों के साथ सांठगांठ में शामिल थे. ठाकुर ने हालांकि कहा कि भाजपा ने अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया. बिल्डिंग माफिया मेरे खिलाफ काम कर रहे हैं. मेरी ही पार्टी में मेरे खिलाफ लोग हैं, कुछ को टिकट चाहिए, इसलिए हर तरह की चीजें चल रही हैं.
पूजा मदान, मुखर्जी नगर पार्षद
मदान के मामले में,मदान के अपने पति संजय के साथ आप में शामिल होने के फैसले ने उनके खिलाफ शिकायतों की तुलना में बड़ी भूमिका निभाई है. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली भाजपा के नेताओं को कम से कम तीन दिन पहले ही पार्टी बदलने की उनकी योजना के बारे में पता चल चुका था और रविवार की सुबह शीर्ष नेताओं ने उन्हें ऐसा करने से रोकने की कोशिश भी की थी. भाजपा की ओर से निकाले जाने के कुछ समय बाद ही पति-पत्नी ने आप ज्वाइन कर लिया. पांडेय और ठाकुर के खिलाफ शिकायत एक साल से अधिक समय से शिकायत थी. पार्टी के अंदरुनी सूत्रों ने बताया कि दिल्ली भाजपा को सर्वेक्षण में पता चला था कि भ्रष्टाचार, खासकर बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन से संबंधित लेनदेन से संबंधित आरोपों की वजह से लोगों में बेहद नाराजगी थी.
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