जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान ग्रामीण ओलम्पिक खेलों में दो अतिरिक्त खेलों को शामिल करने के दृष्टिगत 10 करोड़ रूपए की अतिरिक्त वित्तीय स्वीकृति के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। गहलोत की इस मंजूरी से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर खेलों का वातावरण तैयार हो सकेगा। साथ ही, बच्चों और युवाओं में खेलों के प्रति रूचि बढ़ेगी।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 के बजट में राजस्थान ग्रामीण ओलम्पिक खेलों के तहत ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर कबड्डी, टेनिस बॉल क्रिकेट, वॉलीबॉल एवं हॉकी की प्रतियोगिताएं आयोजित करने की घोषणा की थी। इसके लिए 30.10 करोड़ रूपए की वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की गई थी। बजट घोषणा के उपरान्त मुख्यमंत्री ने राजस्थान ग्रामीण ओलम्पिक खेलों में शूटिंग बॉल और खो-खो खेलों को भी शामिल करने की मंजूरी दी थी। इन खेलों के आयोजन के लिए अब 10 करोड़ रूपए की अतिरिक्त वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
जल जीवन मिशन की 22 वृहद परियोजनाओं के लिए 4877 करोड़ की मंजूरी:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जल जीवन मिशन के तहत 22 वृहद जल आपूर्ति परियोजनाओं के लिए 4877.71 करोड़ रूपए की वित्तीय स्वीकृति के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।  गहलोत की इस मंजूरी से जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन को गति देकर हर घर नल से जल पहुंचाने के लक्ष्य को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि वित्तीय स्वीकृति में केन्द्रीयांश के रूप में 1991.79 करोड़ रूपए एवं राज्यांश के रूप में 2885.92 करोड़ रूपए की राशि शामिल है।
विद्युत शुल्क संबंधी प्रक्रियाओं का सरलीकरण :-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान विद्युत (शुल्क) नियम-1970 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। गहलोत के इस निर्णय के बाद वित्त विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है, जो आगामी 31 अक्टूबर से प्रभावी होगी।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 के बजट में राजस्व अर्जन विभागों में महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं का सरलीकरण कर उन्हें ऑनलाइन करने की घोषणा की थी। इस क्रम में विद्युत शुल्क संबंधी प्रक्रियाओं को सरलीकृत कर ऑनलाइन सुविधा दी गई है। इसके तहत प्रत्येक व्यक्ति जो स्वयं के उपयोग, उपभोग या अन्य को नि:शुल्क आपूर्ति के लिए कैप्टिव पावर प्लांट से ऊर्जा उत्पन्न करता है, वह विभागीय वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण की सुविधा का लाभ ले सकेगा। जिससे व्यवहारी को विभागीय कार्यालय में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी। आवेदन प्रस्तुत करने के तीन दिवस में पंजीयन प्रमाण पत्र जारी कर दिया जायेगा।इसके साथ ही तिमाही की समाप्ति के 30 दिनों के भीतर त्रैमासिक रिटर्न को विभाग की वेबसाइट के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत की जाने की सुविधा भी प्रदान की गई है।