वॉशिंगटन । ताइवान और चीन में युद्ध जैसे हालात के बीच अमेरिकी नौसेना को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका की तेजी से हमला करने में सक्षम परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्‍बी दक्षिण चीन सागर में पानी के नीचे अंजान रहस्‍यमय चीज से टकरा गई। अमेरिका के प्रशांत महासागर बेडे़ से ‎मिली जानकारी के मुता‎बिक इस हादसे में 11 नौसैनिक घायल हो गए हैं। हादसे के दौरान अमेरिकी परमाणु पनडुब्‍बी अंतरराष्‍ट्रीय जलसीमा में थी और पानी के अंदर यह हादसा हुआ है। अमेरिकी नौसेना ने कहा कि यूएसएस कनेक्‍टीकट परमाणु पनडुब्‍बी हादसे के बाद स्थिर हालत में है और उसके परमाणु संयंत्र को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। अमेरिकी नौसेना ने यह नहीं बताया कि कहां पर यह हादसा हुआ है लेकिन यहां ‎कि एक न्‍यूज एजेंसी के मुताबिक साउथ चाइना सी में यह दुर्घटना हुई है। इसमें कम से कम 11 नौसैनिकों के घायल होने की सूचना आ रही है।
एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि यह परमाणु पनडुब्‍बी अब गुआम नौसैनिक ठिकाने की ओर लौट रही है और शनिवार तक इसके पहुंचने की उम्‍मीद है। यह रहस्‍यमय हादसा ऐसी जगह पर हुआ है जहां पर पिछले कुछ महीनों में बड़े पैमाने पर नौसैनिक गतिविधियां देखने को मिली हैं।
चीन ताइवान और अन्‍य पड़ोसी देशों को साउथ चाइना सी में आंख दिखा रहा है। चीन की इसी दादागिरी पर लगाम लगाने के लिए अमेरिकी नौसेना लगातार अपने एयरक्राफ्ट कैरियर और परमाणु पनडुब्बियों को इस इलाके में भेज रहा है। यह बड़ा हादसा ऐसे समय पर हुआ है जब अमेरिका ने इस बात पर चिंता जताई है कि चीन ताइवान के प्रति युद्ध जैसा माहौल बना रहा है। बताया जा रह है ‎कि अमेरिका ताइवान की सेना को पिछले एक साल से प्रशिक्षण भी दे रहा है। अमेरिकी नौसेना के पैसफिक फ्लीट ने अपने बयान में कहा कि सीवुल्‍फ-क्‍लास की यह तेजी से हमला करने में सक्षम परमाणु सबमरीन रविवार को एक रहस्‍यमय चीज से टकरा गई। नौसेना ने कहा कि किसी भी नौसैनिक को जानलेवा चोट नहीं लगी है। नेवी ने कहा कि वह इस मामले की जांच कर रही है ताकि हादसे के कारणों का पता लगाया जा सके। करीब 353 फुट लंबी इस सबमरीन को वर्ष 1988 में कमीशन किया गया था और गश्‍त के दौरान इस पर हमेशा चालक दल के 116 लोग सवार रहते हैं। इसमें 15 अधिकारी भी होते हैं। यह परमाणु पनडुब्‍बी 40 टारपीडो या मिसाइल ले जा सकती है। इस रहस्‍यमय हादसे के बाद अब अटकलों का बाजार गरम हो गया है और शक की सूई चीन पर उठ रही है।