नई दिल्ली । वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिरोध की स्थिति आज भी बरकरार है। दोनों देशों के बीच कई दौर की चर्चा हो चुकी है, लेकिन बेनतीजा रही है। रविवोर को भी कोर कमांडर स्तर की 13वीं बैठक हुई। चुशुल-मोल्दो सीमा पर दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने चर्चा की। बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच चर्चा पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ शेष मुद्दों के समाधान पर केंद्रित थी। हालांकि यह भी बेनतीजा रही। बैठक में भारत ने चीन को बताया कि एलएसी के साथ स्थिति चीनी पक्ष द्वारा यथास्थिति को बदलने और द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन के एकतरफा प्रयासों के कारण हुई थी। इसलिए यह आवश्यक था कि चीनी पक्ष शेष क्षेत्रों में उचित कदम उठाए ताकि पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शांति बहाल हो सके। भारत ने कहा कि यह दोनों विदेश मंत्रियों द्वारा दुशांबे में अपनी हालिया बैठक में प्रदान किए गए मार्गदर्शन के अनुरूप भी होगा, जहां वे इस बात पर सहमत हुए थे कि दोनों पक्षों को शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करना चाहिए। भारतीय पक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि शेष क्षेत्रों के ऐसे समाधान से द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की सुविधा होगी। बैठक के दौरान, भारतीय पक्ष ने शेष क्षेत्रों को हल करने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए लेकिन चीनी पक्ष सहमत नहीं था और साथ ही कोई दूरंदेशी प्रस्ताव भी नहीं दे सका। इस प्रकार बैठक में शेष क्षेत्रों का समाधान नहीं हुआ। दोनों पक्ष संचार बनाए रखने और जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। भारत ने कहा कि हमें उम्मीद है कि चीनी पक्ष द्विपक्षीय संबंधों के समग्र परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखेगा और द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान की दिशा में काम करेगा। वहीं, चीन इस बैठक को लेकर अलग ही राग अलाप रहा है। इस दौरान भारत के द्वारा अनुचित और अवास्तविक मांगों पर जोर दिया गया। उन्होंने भारत पर बातचीत में मुश्किलें पैदा करने का भी आरोप लगाया है।