मुंबई। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी में ठीक वैसा ही जोश और उत्साह है जैसा उनकी दिवंगत दादी इंदिरा गांधी में था। शिवसेना ने लखमीपुर खीरी जिले में हिंसा में मारे गए किसानों के परिवार के सदस्यों से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव को हिरासत में लेने के लिए भाजपा और उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए बुधवार को यह बात कही। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में पार्टी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पंजाब समकक्ष चरणजीत सिंह चन्नी को लखमीपुर खीरी जाने से रोकने पर यह भी पूछा कि क्या भारत-पाकिस्तान जैसी कोई दुश्मनी थी और देश के संघीय ढांचे में इसे अजीब घटना करार दिया।
  मराठी दैनिक में कहा गया, “चूंकि वह कांग्रेस पार्टी की महासचिव हैं, उन पर राजनीतिक हमला हो सकता है, लेकिन वह महान नेता इंदिरा गांधी की पोती भी हैं जिन्होंने देश के लिए महान बलिदान दिया और पाकिस्तान का विभाजन किया। जिन लोगों ने उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिया था, उन्हें इस बात से अवगत होना चाहिए था।” शिवसेना ने कहा कि प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश प्रशासन से तीखे सवाल किए कि उनका अपराध क्या था और उन्हें हिरासत में लेने के लिए क्या उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था या उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। संपादकीय में आरोप लगाया गया कि प्रशासन ने न सिर्फ उन्हें रोका बल्कि उनके साथ धक्का-मुक्की भी की गई। इसमें कहा गया, “प्रियंका गांधी एक निर्भीक नेता एवं योद्धा हैं। उनकी आंखों और आवाज में इंदिरा गांधी जैसा ही जज्बा है।” मंगलवार को, प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि उन्हें सीतापुर में पीएसी परिसर में अवैध रूप से रखा जा रहा था, उन्हें कोई नोटिस या प्राथमिकी नहीं दी गई, और उन्हें अपने कानूनी वकील से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। अधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने शांति भंग होने की आशंका के कारण उनके और 10 अन्य लोगों के खिलाफ एहतियातन हिरासत से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। शिवसेना ने दावा किया कि प्रियंका गांधी का ‘अपमान’ किया गया। मराठी समाचार-पत्र ने कहा कि अगर यह महाराष्ट्र में भाजपा की किसी महिला कार्यकर्ता के साथ हुआ होता तो पार्टी अपनी महिला स्वयंसेवियों की पूरी फौज खड़ी कर देती।