Indore । महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती के लिए टिकट की कालाबाजारी और फर्जी टिकट बेचने का मामला सामने आने के अगले ही दिन बुधवार को ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था में फेरबदल कर दिया गया है। मंदिर प्रबंध समिति ने साफ कर दिया है कि अब भस्मारती की ऑनलाइन बुकिंग के दौरान कोई पैसा जमा नहीं किया जाएगा। मंदिर की अधिकृत वेबसाइट से पेमेंट के ऑप्शन को ही हटा दिया गया है। नई व्यवस्था से श्रद्धालुओं को पैसे कटने और अनुमति नहीं मिलने की समस्या से निजात मिल जाएगी।
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि श्रद्धालु अब भस्मारती की ऑनलाइन बुकिंग तो कर सकेंगे, लेकिन इसके लिए लगने वाला 100 रुपए का शुल्क मंदिर परिसर में ही जमा किया जाएगा। यह शुल्क आरती में शामिल होने के पहले जमा कराना होगा। प्रबंध समिति ने गेट नंबर 4 और 5 पर सुबह भस्मारती के दौरान राशि जमा कराने की व्यवस्था कर दी है। इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। अब तक जिन श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन पैसा जमा करा दिया है, उन्हें हमेशा की तरह अंदर जाने दिया जाएगा।
दरअसल, 17 माह तक भस्मारती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के बाद बीते 11 सितंबर से इसमें शामिल होने के लिए ऑनलाइन बुकिंग का नया नियम बना दिया गया है। ऑनलाइन बुकिंग के दौरान कई श्रद्धालुओं के पैसे कट रहे थे, लेकिन अनुमति नहीं मिल रही थी, इस वजह से वे भस्म आरती में शामिल नहीं हो पा रहे थे।
कालाबाजारी रुकेगी
नई व्यवस्था से भस्मारती के नाम पर होने वाली कालाबाजारी पर रोक लगेगी। साथ ही उन श्रद्धालुओं की परेशानी भी कम होगी जो सिर्फ बुकिंग करने एक दिन पहले उज्जैन आकर अनुमति के लिए परेशान होते हैं। मंगलवार को भस्मारती के फर्जी टिकट बनाने और बेचने के मामले में छह लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसकी जांच की जा रही है। नई व्यवस्था के बाद अब टिकटों की कालाबाजारी नहीं हो सकेगी।
कई भक्तों के पैसे कटे लेकिन नहीं मिली अनुमति
कई भक्तों की शिकायत थी कि उन्होंने महाकाल मंदिर की वेबसाइट पर ऑनलाइन परमिशन के लिए आवेदन का पूरा फॉर्म भरने करने के बाद ऑनलाइन 100 रुपए बैंक के खाते से कट गए, लेकिन परमिशन नहीं बनी। इस वजह से उनके पास भस्मारती में शामिल होने का कोई प्रमाण नहीं रहता था। इससे विवाद की स्थिति बनती थी। मामले की जानकारी कलेक्टर तक भी पहुंची थी।