नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना निर्मल गंगा का है। जब भी मां गंगा का जिक्र आता है,तबपीएम मोदी देश की सांस्कृतिक विरासत और लोगों की मान्यताओं का जिक्र करना नहीं भूलते।जब पीएम मोदी वाराणसी से पहली बार चुनाव लड़ने पहुंचे थे,तब कहा था कि मां गंगा ने उन्हें बुलाया है।
आजादी के 75वें साल में मोदी सरकार ने जब अमृतोत्सव मनाने की योजना बनाई, तब पीएम मोदी के खुद आगे आ कर उन्हें मिले उपहारों को नीलामी के लिए आगे कर दिया। साथ ही इसका ऐलान की नीलामी से मिली राशि को नमामी गंगे को दे दिया जाएगा।पीएम को मिले अमुल्य तोहफों और यादगार उपहारों की नीलामी का तीसरा दौर 17 सितंबर को शुरु हुआ और ये 7 अक्टूबर तक चलेगा।
पीएम मोदी को मिले उपहारों की नीलामी के इस दौर में 1348 मेमेंटोज का ई-ऑक्शन हो रहा है। इसमें पीएम मोदी को टोक्यो ऑलंपिक और पैरालिंपिक में भाग लिए खिलाड़ियों द्वारा दिए गए तोहफे हैं। ये नई दिल्ली के नेशनल गैलरी ऑफ नेशनल आर्ट्स में प्रदर्शन के लिए रखे गए हैं।अब तक इनमें से 1083 मेमेंटोज के लिए बोली लग चुकी है।तोहफा नंबर जी 1656 जो कि एक सजावट का सामान है, उसके लिए सबसे ज्यादा 52 लोगों ने बोली लगी है और इसकी कीमत 2500 डॉलर से 101000 डॉलर तक पहुंच चुकी है। टोक्यों में पदक जीतने वाली पीवी सिंधू के रैकेट का बेस प्राइस 80 लाख रुपये रखा गया है,तब नीरज चोपड़ा का स्वर्ण पदक जीतने वाले जैवलीन की कीमत भी करोड़ों में लगी है।
साथ ही यूपी सीएम योगी द्वारा भेंट किया गया अयोध्या के राम मंदिर का मॉडल, सतपाल महाराज का तोहफा लकड़ी का बना चारधाम, रुद्राक्ष कंवेशन सेंटर जैसे तोहफे भी नीलामी के लिए रखे हैं। पिछली बार ऐसी नीलामी 2019 में हुई थी, तब सरकार को पूरी नीलामी से 15.13 करोड रुपये मिले थे। उस बार भी पीएम मोदी के निर्देश के बाद पूरा पैसा नमामी गंगे कोश में दे दिया गया ताकि गंगा साफ और स्वच्छ रहे। इस बार भी नीलामी के पैसे नमामी गंगे कोश में जाएंगे।