भोपाल । मप्र के आंकड़ेबाज अफसरों ने सरकार से अपनी पीठ थपथपवाने के लिए बिना जांच-पड़ताल के ऐसे किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से जोड़ दिया जो पात्र थे ही नहीं। मप्र के ऐसे 2.51 लाख अपात्र किसान के खातों में 19.57 करोड़ रूपए डाल दिए गए। फिर जांच-पड़ताल की गई और इन किसानों को गुनहगार मान लिया गया। अब सरकार इन किसानों पर रकम वापस करने का दबाव बना रही है। हैरानी की बात यह है कि इन किसानों में से 80 हजार ऐसे जिनकी मौत हो चुकी है।जानकारी के अनुसार जब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लॉन्च की गई तो प्रदेश सहित देशभर के किसानों को इस योजना से जुडऩे को कहा गया। उस दौरान अफसरों ने किसानों को नियमों की जानकारी नहीं दी। जिन किसानों ने आवेदन किया उन्हें योजना से जोड़ दिया गया। मध्यप्रदेश में 2 लाख 51 हजार 391 ऐसे किसान हैं, जिनके खातों में योजना के तहत 19 करोड़ 57 लाख 38 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए गए। पैसा आते ही लोगों ने इन्हें खातों से निकाल लिया। बड़ी बात ये है कि इन लाभार्थियों में कई लोग इनकम टैक्स देते हैं तो कहीं एक ही परिवार के कई लोगों के खातों में पैसे आए हैं। 80 हजार से ज्यादा ऐसे किसान मिले हैं, जिनकी मौत हो गई है। भोपाल में ये संख्या 2570 है। फिलहाल इन सभी से जिला प्रशासन ने वसूली शुरू कर दी है।
रकम आने के बाद हुई जांच-पड़ताल
दरअसल, यह योजना 2018 में लागू हुई थी। तब अफसरों ने जिन किसानों की जानकारी शासन को दी थी, उसके हिसाब से उनके खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए गए। बाद में जब समग्र और आधार कार्ड के डाटा से इसका मिलान हुआ तो गड़बड़ी सामने आई। कुछ महीने पहले केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में ये जानकारी दी कि देशभर में 42 लाख 16 हजार 643 किसान जो पात्र नहीं थे, उनके खाते में 29 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि ट्रांसफर हुई है।
नोटिस के बाद मिली जानकारी
 मप्र में तो कई किसान ऐसे हैं जिन्हें मालुम ही नहीं की उनके खाते में रकम कैसे आई है। जब किसानों को नोटिस मिला जब जानकारी सामने आई। टीलाखेड़ी के शंकर लाल वर्मा सरकारी शिक्षक हैं। दो महीने पहले उनके खाते में पीएम सम्मान निधि के 10 हजार पहुंचे थे। जब उनके पास बैंक का नोटिस लेकर पटवारी पहुंचा तो उन्होंने ये राशि लौटा दी। उनको पता ही नहीं है कि खाते में ये रुपए कैसे और कब आ गए। ओमप्रकाश त्यागी फंदा के शाहिस्ताखेड़ी में रहते हैं। वे सरकारी शिक्षक हैं। उनके नाम पर 8 एकड़ जमीन हैं। आयकर की श्रेणी में आते हैं। पीएम सम्मान निधि के 10 हजार रुपए उनके पास आए थे। तहसील से नोटिस मिला। इसके बाद उन्होंने तहसील में राशि जमा कराई। भगवत प्रसाद तूमड़ा निवासी को 8 हजार रुपए सम्मान निधि की राशि चार बार में मिली थी। चूंकि वो इनकम टैक्स देते हैं। इसलिए उन्होंने ये राशि लौटा दी। प्रसाद का तर्क है कि गलती से राशि उनके खाते में पहुंच गई थी, तहसील से सूचना मिलने के बाद लौटा दी है।
भोपाल में 2570 किसानों से वसूली
भोपाल जिले में 63 हजार 430 पात्र किसानों को 73 करोड़ 98 लाख 64 हजार रुपए का भुगतान 2018 से अब तक किया जा चुका है। भोपाल में कुल रजिस्टर्ड किसानों की संख्या 1 लाख 26 हजार है। इसमें से सिर्फ 2570 किसानों से सम्मान निधि की गाइडलाइन के दायरे में नहीं आने के कारण राशि वसूली जाएगी। आयुक्त भू-अभिलेख ज्ञानेश्वर पाटिल कहते हैं कि जिलों में कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि हर व्यक्ति को बुलाकर सुनवाई करें। जांच में कई मामले ऐसे भी मिले हैं, जो किसान पहले आयकर की श्रेणी में नहीं आते थे, लेकिन बाद में उनकी जमीन किसी प्रोजेक्ट में चली गई। उनको मुआवजा मिल गया। इसलिए उस समय यदि उसने निधि ली होगी तो वो अपात्र नहीं होगा। एक परिवार में एक व्यक्ति को लाभ देने की योजना है।