पंजाब | कांग्रेस का संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है। दो दिन में सियासी ड्रामे के बाद गुरुवार रात नवजोत सिद्धू मान गए वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह अब पूरी तरह उखड़ गए हैं। जहां कैप्टन अपनी नई पार्टी बनाने की अटकलों पर कुछ नहीं बोल रहे हैं वही सिद्धू अपनी ही सरकार को घेरने की आदत से बाज नहीं आ रहे हैं।
पंजाब कांग्रेस में मचे तूफान के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी शुक्रवार को दिल्ली जा रहे हैं। चन्नी सिद्धू प्रकरण की पूरी जानकारी हाईकमान को देंगे। वहीं सीएम की कुर्सी संभालने के बाद चन्नी शुक्रवार को पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। चन्नी प्रधानमंत्री से एक अक्तूबर से राज्य में धान की खरीद स्थगित करने के केंद्र के पत्र को वापस लेने पर बात करेंगे। दूसरी तरफ पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत दोपहर बाद चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं।
इससे पहले गुरुवार रात को पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे और नाराजगी का मसला हल कर लिया गया। पंजाब भवन में तीन घंटे से भी अधिक समय तक चली बैठक में हाईकमान के पर्यवेक्षक हरीश चौधरी और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अहम भूमिका निभाई।
नवजोत सिंह सिद्धू तीन सदस्यीय कमेटी के गठन पर सहमत हो गए हैं और उनके इस्तीफे को हाईकमान ने नामंजूर कर दिया है। इस तरह सिद्धू अब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान बने रहेंगे। हालांकि कांग्रेस पार्टी और किसी नेता की तरफ से कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ लेकिन पता चला है कि विवाद इस मुकाम पर आकर हल हुआ कि मुख्यमंत्री चन्नी ने अधिकारियों को हटाने की सिद्धू की मांग को यह कहकर ठंडे बस्ते में डाल दिया कि भविष्य में इस तरह के मामलों में सिद्धू की भी राय ली जाएगी।
पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत के निवेदन को आखिरकार सुन लिया है। उत्तराखंड चुनाव को देखते हुए पार्टी ने हरीश रावत को पंजाब की जिम्मेदारी से मुक्त करके उत्तराखंड में काम संभालने का फैसला किया है। वहीं रावत के स्थान पर हरीश चौधरी को पंजाब मामलों का प्रभारी बनाने की भी चर्चा है। इस संबंध में पार्टी हाईकमान द्वारा जल्द ही घोषणा भी की जा सकती है।