सोपास का महाधिवेशन - नसरुल्लागंज के संचालाकों ने बड़ी संख्या में सम्मलित होकर किया अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व

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 सोपास का महाधिवेशन -
नसरुल्लागंज के संचालाकों बड़ी संख्या में सम्मलित होकर किया अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व

लोकेश नागर
नसरुल्लागंज- मध्यप्रदेश के सभी अशासकीय विद्यालयों के संचालकगणों का प्रादेशिक महाअधिवेशन नगर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक सुरेंद्र पटवा ने की। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी,पूर्व राज्य शिक्षा मंत्री दीपक जोशी उपस्थित रहे।
इस महाअधिवेशन में मप्र के 52 जिलों से अशासकीय विद्यालयों के लगभग 3 हजार संचालकगण शामिल हुए।

समस्याओं पर हुआ मंथन-
इस महा अधिवेशन में प्रदेश के सभी स्कूल के संचालकों ने शाला संचालन में होने वाली समस्याओं को एक दूसरे से आपस में साझा किया। स्कूल संचालन में आने वाली समस्याओं का आपस में परिचर्चा कर समाधान के लिए मंथन किया। कार्यक्रम में इन समस्याओं को शासन और प्रशासन स्तर पर आपसी सामंजस्य से सामने रखकर उन समस्याओं के निदान के लिए आग्रह पत्र सौपा।

इस मौके पर सोपास के दीपक सिंह राजपूत,प्रदेश अध्यक्ष आशीष चटर्जी,डॉ आर के श्रीवास्तव, प्रमोदसिंह राजपूत, शिवप्रसाद जायसवाल, जिलाध्यक्ष राजेश राजोरिया,कार्यक्रम संयोजक देवी अजमेरा,सुनील खम्बरा,शेरसिंह चौहान,संजय मगरदे सहित प्रदेश के पदाधिकारी संस्था संचालक उपस्थित रहे।


52 जिलों के प्रतिनिधि हुए सम्मलित-
सोसायटी फ़ॉर प्रायवेट स्कूल (सोपास)के संस्थापक अध्यक्ष दीपक सिंह राजपूत ने बतया मध्य प्रदेश राज्य के सभी 52 जिलों के अशासकीय स्कूलों का सबसे बड़ा संगठन है जिसके पूरे प्रदेश में लगभग 20 हजार संचालक साथी हैं। जोकि प्रदेश भर में अशासकीय स्कूलों के हितार्थ में कार्य करता है।
इसमे 5 लाख शिक्षक,1 करोड़ विद्यार्थियों को शिक्षा दे रहे हैं।0 संगठन का उद्देस्य उद्देश्य पूर्ण क्वालिटी एजुकेशन, लाना है। 80 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्कूल संचालकों को जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

आग्रह पत्र में यह मांग की गई-


-पहली से 12 तक की मान्यता नवीनीकरण जो प्रति 3 वर्ष में कई जाती है उसे एक बार में 5 वर्ष के लिए करते हुए भवन अनुज्ञा के में लीज के स्थान पर किरायानामा मान्य किया जाए।
-आरटीई में स्कूलों को दी जाने वाली फीस 20 हाजर रु की जाए।
-आईटी प्रपोजल में समय कम मिलता है अतः भौतिक सत्यापन कर 2016 से आज तक 45 हजार छात्रों की रुकी फीस प्रतिपूर्ति की जाए।
-9 वीं और 12 कि शिक्षा बोर्ड अलग अलग मान्यता शुल्क लेता है वह1 एकसाथ ली जाए।
-स्कूल वाहनों को स्थायी परमिट दिया जाए साथ ही नवीनीकरण शुल्क ऑनलाइन प्रति वर्ष ली जाए।
-मैपिंग की प्रक्रिया नर्सरी से प्रदान की जाए।

समाधान का मिला आस्वासन-
स्कूलों के साथ कदम से कदम मिलाकर इन मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया यह महाधिवेशन पूरी तरह सफल रहा। आगे भी इस तरह के महाधिवेशन करने की प्रेरणा दी। सोफास ब्लॉक नसरुल्लागंज की ओर से समस्त स्कूल संचालक महाधिवेशन मंडीदीप में उपस्थित हुए एवं इस अधिवेशन की सफलता के लिए आयोजको को शुभकामनाएं दी।

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