पहल- भोजपुर मंदिर से की 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा दिलाने की मांग कृषक सहयोग संस्थान ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर चलाया हस्ताक्षर अभियान

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 पहल- भोजपुर मंदिर से की 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा दिलाने की मांग

कृषक सहयोग संस्थान ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर चलाया हस्ताक्षर अभियान

हजारों बाल हितचिंतकों को दिलाया बाल विवाह मुक्ति का संकल्प
कहा-अठारह वर्ष की उम्र तक मुफ्त शिक्षा से 2030 तक हो सकेगा भारत से बाल विवाह जैसी बुराई का अंत


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज भोजपुर शिव मंदिर प्रांगण में कृषक सहयोग संस्थान ने एक नई पहल की। संस्था के कार्यकर्ताओं ने 12वीं तक की शिक्षा को निशुल्क करने के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस अभियान में देश के विभिन्न प्रदेशों और जिलों से आए पर्यटकों और बाल हितैषी शुभचिंतकों ने हस्ताक्षर कर अभियान को समर्थन दिया। संस्था के कार्यकर्ताओं ने उन्हें हस्ताक्षर कर बाल विवाह मुक्त समाज बनाने का संकल्प भी दिलाया।


राजनीतिक दलों से की निःशुल्क शिक्षा की मांग-
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से प्रारंभ 18 वर्ष तक की उम्र के सभी बच्चों को निशुल्क शिक्षा दिलाने अभियान का शुभारंभ किया। इसके अंतर्गत संस्था ने लोगों को बताया कि यदि 12वीं क्लास या 18 वर्ष की आयु तक निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाए तो भारत में होने वाले बाल विवाह जैसी बुराई को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। इस बात से सहमत हुए लोगों ने राजनीतिक दलों से अठारह की उम्र तक मुफ्त शिक्षा दिए जाने के लिए अभियान के समर्थन में हस्ताक्षर किये। जिला समन्वयक अनिल भवरे में बताया कि जनमानस को इसकी उपयोगिता और महत्व बतलाकर 12वीं तक निशुल्क शिक्षा को विभिन्न राजनीतिक दलों से लोकसभा के चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने की अपील करेंगें।


निःशुल्क शिक्षा से 2030 तक होगा बाल विवाह मुक्त भारत-
कृषक सहयोग संस्थान की निदेशक डॉ एच बी सेन ने बताया यदि अठारह वर्ष की उम्र तक सभी बच्चों को अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा दी जाए,तो 2030 तक देश से बाल विवाह के खात्मे में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। क्योंकि 18 वर्ष से पहले पढ़ाई छोड़ने और बाल विवाह में एक सीधा और स्पष्ट अंतरसंबंध है।
उन्होंने बताया कि देश में बाल विवाह के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जारी एक शोधपत्र "एक्सप्लोरिंग लिंकेजेज एंड रोल्स ऑफ एजुकेशन इन एलिवेटिंग एट मैरेज फॉर गर्ल्स इन इंडिया" में उजागर हुआ है। शोधपत्र के अनुसार, भारत बाल विवाह की बुराई के 2030 तक खात्मे की राह में एक टिपिंग प्वाइंट यानी निर्णायक मोड़ पर खड़ा है।

जिले में रोके गए 154 बाल विवाह-
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के साथ जिले में कार्यरत संस्था के जिला समन्वयक अनिल भवरे ने बताया की संस्था द्वारा बाल विवाह के खिलाफ चलाए गए अभियान के अंतर्गत अब तक 154 बाल विवाह रोक गए। यह बाल विवाह लगातार लक्षित गांव में जनसंपर्क,निरंतर जन जागरण और शासन प्रशासन की सक्रियता के चलते बाल विवाह होने के पूर्वी लोगों को समझाइए देकर रोके गए। इनमें से 2 बाल विवाह मंडीदीप के सतलापुर में विभागीय रोके गए।
इस अवसर पर भोजपुर में चलाए गए अभियान में मीना रैकवार,मोनिका ठाकरे, राजकुमार साहू,राहुल यादव,प्रगति रैकवार,गोविंद नाविक और जगदीश शर्मा,मिथुन यादव ने लोगों को हस्ताक्षर करवाकर संकल्प दिलवाया।

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