रुडसेट संस्थान की पहल
डेयरी एवं वर्मी कम्पोस्ट स्वरोजगार का बेहतर विकल्प - भवरे
स्वरोजगार से अत्मर्निभर होने के लिए 35 महिलाऐं ले रहीें है प्रशिक्षण
भोपाल- प्रत्येक गॉव में स्वरोजगार से आत्मर्निभरता के लिए पशुपालन एवं वर्मी कम्पोष्ट खाद निर्मित कर महिलाऐं अतिरिक्त आय का जरिया बाना सकती हैं। यह प्रत्येक ग्रामीण महिला के लिए सरल सुलभ और सुनिश्चित आय का बेहतर विकल्प है। रुडसेट संस्थान भोपाल द्वारा डेयरी एवं वर्मी कम्पोस्ट निमार्ण का 10 दिवसीय निःशुल्क प्रशिक्षण ग्राम चंदुखेड़ी भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें 35 महिलाएं भाग ले रही है। प्रशिक्षण में वर्मी कम्पोष्ट विषय पर जानकारी देते हुए प्रशिक्षक अनिल भवरे ने उक्त बात कही।
श्री भवरे ने प्रशिक्षण में सभी प्रतिभागियों को वर्मी कम्पोस्ट के महत्व उपयोगिता के साथ ही रसायनिक खादों से होने वाले स्वास्थ्य व पर्यावरण को होने वाले नुक्सान के विषय मे जानकारी दी। उन्होंने केंचुआ,गोबर व खेती से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थो से उपयोगी खाद बनाकर अतिरिक्त आमदानी का जरिया बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
डेयरी प्रबंधन के प्रशिक्षण में भारत सिंह ने दुधारू पशुओं के रख रखाव,उन्हें होने वाली बीमारियों से बचाव के टीके, पशुओं में होने वाले विभिन्न रोगों व उनसे बचावएवं इलाज की विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
संस्थान के वरिष्ठ प्रशिक्षक संदीप सोनी ने बताया कि प्रशिक्षण में डेयरी व्यवसाय से संबंधित समस्त जानकारी विस्तार से प्रतिदिन दी जा रही है। समूह की प्रशिक्षु महिलाओं डेयरी प्रबंधन एवं वर्मी कम्पोस्ट खाद को सफल व्यवसाय के रूप में स्थापित करने के तरीके भी सिखाये जा रहे है।
रुडसेट संस्थान के निदेशक रमेश चंद्र द्विवेदी ने प्रशिक्षणार्थियों को बैंक लोन एवं भुगतान तथा पशुओं के बीमा की जानकारी दी जिससे प्रतिभागी सफलता पूर्वक अपना व्यवसाय चला सकें।
श्री द्विवेदी ने बताया कि रुडसेट संस्थान अपने प्रशिक्षणार्थीयों को व्यवसाय स्थापित होने के बाद भी दो वर्ष तक उनके सम्पर्क में रहता है। जिससे नव व्ययसायीयों को अपने व्यापार व्ययसाय में होने वाली दिक्कतों समस्याओं से निदान मिल सके।