कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए घरों में भी बरतें सावधानियां

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कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने लॉकडाउन अवधि में घरों से बाहर नहीं निकलें नागरिक
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए घरों में भी बरतें सावधानियां

रायसेन,- नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण विश्व के सभी देशों में फैल चुका है। भारत में कोविद-19 संक्रमण के फैलने की गंभीर स्थिति को देखते हुए इससे बचाव तथा नियंत्रण के लिए 25 मार्च से लगातार 21 दिनों के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया है। कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए जरूरी है कि लॉकडाउन अवधि में सभी व्यक्ति अपने घरों पर रहें तथा सावधानी बरतें।

क्या घर के अंदर भी दूरी बनाना जरूरी है ?

लॉकडाउन के दौरान घर में रहने पर भी अन्य सदस्यों के साथ दूरी बनाना जरूरी है। इसे होम डिस्टेंसिंग कहते हैं क्योंकि लॉकडाउन के पहले घर का कोई सदस्य किसी संक्रमित के संपर्क में आया था या नहीं, यह लोगों को ज्ञात नहीं है। संक्रमण नहीं भी दिख रहे हों, तो भी दूरी बनाकर रखना चाहिए। एक दूसरे से बात भी कम से कम 1 मीटर की दूरी से करें। क्योंकि बात करते समय मुंह से निकलने वाली भाप में भी यह वायरस बाहर आता है। करीब होने पर संक्रमण फैल सकता है। इसके अलावा करंसी से भी फैलता है।

अगर संक्रमित व्यक्ति घूम रहा है तो उससे क्या होगा?

कोविद-19 संक्रमित व्यक्ति अगर बाहर सोसाइटी में घूम रहा है तो 100 से 200 लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर घर में रहेगा, तो तीन या चार लोगों को और अगर खुद को एक कमरे में सेल्फ क्वारंटाइन्ड यानी सबसे अलग कर ले तो संक्रमण आगे नहीं बढ़ेगा।

बाजार से सब्जी, दूध का पैकेट आदि लाकर धोने की जरूरत है क्या? धोएं तो कैसे धोएं?

दूध के पैकेट, सब्जी आदि को घर लाने के बाद गुनगुने पानी में या फिर नमक के पानी में धोएं। नमक एंटी वायरल, एंटी बेक्टीरियल एजेंट होता है। धोने का कार्य किचन में न करें। धुलने के बाद सामान को एकांत जगह पर कुछ घंटों के लिए रख दें। सूखी जगह पर रहने पर कुछ घंटों बाद वायरस मर जाएगा। जो चीजें धुल नहीं सकते, उन्हें कुछ घंटों के लिए सूखे स्थान पर रख दें। वायरस मर जाएगा।

बाजार में हम कई सारी सब्जियां छूते हैं, सामान छूते हैं, उस समय क्या सावधानी बरतें?

बेहतर होगा अगर आप स्टोर में सामान लेने जा रहे हैं, तो ग्लव्स यानी दस्ताने पहन कर जाएं। घर पहुंचते ही ग्लव्स को डिस्पोज कर दें। अगर ग्लव्स नहीं हैं, तो खरीददारी करने के बाद घर आते ही तुरंत अच्छी तरह हाथ धोएं। इस बीच अपने हाथों को मुंह, नाक, कान, आंख, आदि तक नहीं लायें।

भारत के कई हिस्सों में बारिश भी हो रही है। ऐसे समय में सर्दी-जुकाम हो जाता है। ऐसे में लोग क्या करें?

इस समय भारत में मौसमी फ्लू भी चलन में है। असाधारण महसूस कर रहे हैं तो तीन-चार दिन तक अपने स्वास्थ्य पर पैनी नजर रखें। अगर आपकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री है या किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आये हैं जो हाल ही में ट्रैवल कर चुका है, तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। अगर महज फ्लू के लक्षण हैं, तो टेस्ट कराने की जरूरत नहीं। अगर फ्लू के लक्षणों के साथ सूखी खांसी, गले में इंफेक्शन, सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो तुरंत आईसोलेशन की जरूरत है।

सामान्य फ्लू के लक्षण दिख रहे हों, तो कितने दिन इंतजार करें?

अगर सामान्य फ्लू के लक्षण हैं, तो आप चार से पांच दिन इंतजार कर सकते हैं, अगर लक्षण कम नहीं हो रहे हैं, तो टोल फ्री ( नंबर 1075 पर तुरंत कॉल करें। लेकिन शुरुआती चार से पांच दिन में ही आपको सेल्फ आईसोलेशन यानी दूसरों से अलग कर लें। इसके ट्रीटमेंट का प्रोटोकॉल है उसे फॉलो करना है।

कोविड-19 के संक्रमित की मृत्यु होने पर उसके अंतिम संस्कार में क्या सावधानी बरतें?

संक्रमित की मृत्यु होने के बाद अस्पताल से शव देने का एक प्रोटोकॉल है, उसको पूरा सील करके देते हैं। शव में वायरस नहीं होते, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। लिहाजा किसी भी प्रकार के रिवाज के लिए अंतिम संस्कार में देरी नहीं करनी चाहिए।

यह वायरस आगे चलकर कमजोर होगा या नहीं?

यह वायरस पूरी दुनिया में फैल चुका है। अमेरिका, फ्रांस, इटली में इसके परिणाम सबको दिख रहे हैं। लिहाजा यह वायरस कमजोर नहीं पड़ने वाला। इसे कमजोर करने का एक मात्र तरीका सोशल डिस्टेंसिंग हैं। एक दूसरे से दूरी बनाकर ही हम वायरस की चेन को तोड़ सकते हैं। ऐसा करने के लिए सभी को लॉकडाउन का गंभीरता से पालन करना होगा।

बिना किसी के संपर्क में आये क्या हम खेत में जाकर काम कर सकते हैं?

अगर आप खेत में अपने साथ दस-पंद्रह लेबर लेकर जाएंगे, तो ही वायरस लगने का खतरा है। अकेले जाने पर कोई खतरा नहीं, क्योंकि खेत में वायरस नहीं होता। चूंकि लॉकडाउन है, इसलिसे अभी न जायें। बहुत जरूरी है तभी घर से बाहर निकलें।

दूधमुहे बच्चों को कोरोना से कैसे बचा सकते हैं?

दूधमुहे बच्चों का स्वास्थ्य उनकी मां के स्वास्थ्य पर निर्भर होता है। जो बच्चे छोटे हैं, मां का दूध पीते हैं या ज्यादातर समय मां की गोदी में रहते हैं, उनकी मां को बाहर नहीं जाना है। जो कोई भी बाहर से आ रहा है, मां को उससे कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखना है। बाहर आने जाने वाले लोग बच्चे को गोदी नहीं लें।

अगर हम छत या सड़क पर खड़े हैं, तो क्या हवा में उड़कर वायरस मेरे शरीर में घुस सकता है?

वायरस छींच या खांसी करने पर ही शरीर से बाहर आता है। जो कि ज्यादा से ज्यादा एक मीटर तक जा सकता है। आंधी भी चलेगी, तो भी ज्यादा दूर नहीं जाएगा। लॉकडाउन में अगर आप अपनी बालकनी या छत पर खड़े हैं, तो खतरा नहीं है।

पुलिसकर्मी, डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, आदि जब अपने घर जायें, तो क्या सावधानी बरतें?

पुलिसकर्मी, डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी व जरूरी सेवाओं से जुड़े अन्य लोग जो रोजाना बाहर जा रहे हैं वो घर पहुंचने से पहले अपने मास्क व ग्लव्स को डिस्पोज करें। अंदर आते ही अच्छी तरह हाथ धोएं, और अपने कपड़े बाकी कपड़ों से अलग रखें। नहाने की खास जरूरत नहीं है, क्योंकि यह वायरस कपड़ों से नहीं आता।

क्या बालों से यह वायरस आ सकता है, घर पहुंचते ही क्या मुझे बाल धोने चाहिए?


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