5 गांव के किसान 375 एकड़  रकबे मे कर सकेंगे सिंचाई ,

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बिशन खेड़ा और इकलामा में बने  बैराज से 


5 गांव के किसान 375 एकड़  रकबे मे कर सकेंगे सिंचाई ,


बीते वर्ष 2 करोड़ 83 लाख की लागत राशि खर्च कर बनाए गए हैं 2 बैराज,



दो नए बैराज बनने के बाद सबडिवीजन में 14 हुई बैराजों की संख्या,


 मंडीदीप। विकासखंड के  विशन खेड़ा, इकलामा, मगरपूछ, सिनौटी एवं दिगवाड़ आदि गांव के किसान भी अब ना केवल अपने खेतों में सिंचाई कर सकेंगे बल्कि मनपसंद फसल उगा कर अत्यधिक उत्पादन कर सकेंगे। दरअसल यह सब जल संसाधन विभाग द्वारा विशन खेड़ा और इकलामा में बनाए गए बैराज से संभव होने जा रहा है।सूखे से निपटने और कृषि


भूमि का सिंचित एरिया बढ़ाने के लिए जलसंसाधन विभाग की ओर से  क्षेत्र में दो नए बैराजों का निर्माण कराया गया है। इन नए बैराजों के निर्माण के बाद औबेदुल्लागंज उप संभाग में बैराज ओं की संख्या 14 हो गई है जिनसे 1375 हेक्टेयर रकबे में फसल सिंचित हो सकेंगी। विभाग द्वारा बनाए गए इन बैराजों


पर 2 करोड़ 83लाख की राशि खर्च की गई है । जहां विशन खेड़ा बैराज से इस गांव के साथ मगरपूछ  और सिनौटी  गांव के किसान  पानी ले सकेंगे वहीं  इकलामा मैं निर्मित बैराज से इकलामा  के अलावा दिगवड़गांव के किसान लाभान्वित होंगे। इन बैराजओं से विशन खेड़ा 195 और इकलामा 180  एकड़ के रकबे को सिंचित कर सकेंगे। आने वाले रबी सीजन से किसानों को इन


बैराजों का लाभ मिलने लगेगा। पानी की सुलभ उपलब्धता को देखते हुए ही यहां के किसान अधिक से अधिक उत्पादन देने वाली फसलों की बोवनी करने की तैयारी में जुटे हुए हैं।


 बिशनखेड़ा के किसान


सेवाराम एवं इकलामा के मदन साहू ने बताया कि अब वे भी अपने खेतों में सिंचाई कर ज्यादा पैदावार कर सकेंगे। इसलिए इस बार मैं गेहूं की अधिक उत्पादन देने वाली वैरायटी की बीज की बोवनी करूंगा।इसी तरह गांव के अन्य किसान भी अच्छी पैदावार देने वाली फसल उगाने की तैयारी कर रहे हैं।


बैराज से पानी लेने के बदले देना होगा पैसा:


विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इन नवनिर्मित बैराजों से पानी लेने के बदले किसानों को कुछ पैसा भी विभाग को देना होगा । इसके लिए उन्हें 125 रुपय प्रति हेक्टेयर के मान से पैसा चुकाना होगा। इतना पैसा देने के बाद किसानों को एक सीजन में तीन बार पानी मिल सकेगा।


क्षेत्र में अभी 7000 हेक्टेयर रकबा है असिंचित :


ब्लाक में कृषि भूमि का रकबा 52 हजार हेक्टेयर है। इसमें से करीब 45 हजार हेक्टेयर सिंचित एवं सात हजार हेक्टेयर कृषि भूमि असिंचित सूखा है।


विभाग द्वारा प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के अंतर्गत विकासखंड के सूखे क्षेत्र चिंहित कर इन्हें भी सिंचित बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है । योजना के अंतर्गत बलराम तालाब,चेक


डेम,स्टाप डेम एवं तालाब आदि बनाकर सिंचाई के संसाधन जुटाए जाएंगे। किसानों के लिए पानी की जरुरत पूरी करने संरचना बनाई जाएगी। इसी कड़ी


में सरकार द्वारा छोटे छोटे बैराज बना कर किसानों को पानी उपलब्ध कराने पर काम किया जा रहा है।


इनका कहना है


क्षेत्र में 2  बैराजों का निर्माण करा लिया गया है । जिनसे किसान इस रवि सीजन से अपनी आवश्यकता का पानी ले सकेंगे।


संजीव शर्मा ,एसडीओ जलसंसाधन विभाग औबेदुल्लागंज


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