जनता के गाढ़े खून पसीने की कमाई से मिले टैक्स की ऐसी दुर्दशा

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जनता के गाढ़े खून पसीने की कमाई से मिले टैक्स की ऐसी दुर्दशा

 जिम्मेदारों की अनदेखी से लोकार्पण के 4 साल बाद भी शुरू नहीं हो सका नवनिर्मित बस स्टैंड से बसों का संचालन,

सोनोलॉजिस्ट की नियुक्ति न किए जाने से घूल फंक रही 10 लाख कीमत की सोनोग्राफी मशीन,

5 लाख कीमत की ब्लड स्टोरेज युनिट हुई बंद तो कॉलेज के लिए मिली 8.40 करोड़ की राशि भी हुई लैप्स ,

अफसरों के साथ जनप्रतिनिधि भी बने बेपरवाह, नगरवासियों को नही मिल पा रही लंबी दूरी की बस सेवा सुविधा, पहले बनाने में अब संचालन में कर रहे देरी

मंडीदीप। सरकारी अधिकारी नागरिकों की महत्वपूर्ण आवश्यकताएं पूरी करने के प्रति जवाबदेही तय होने के बाद भी गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाए हुए हैं। अफसरों की अनदेखी का नायाब नमूना उद्योग नगरी में आसानी से देखा जा सकता है। यहां जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते नवनिर्मित बस स्टैंड से बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। जबकि 4 साल पहले सीएम द्वारा इसका लोकार्पण भी किया जा चुका है। जिम्मेदारों की सुस्त कार्यप्रणाली का यह एकमात्र उदाहरण नहीं है। ऐसे ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 4 साल पहले दान में मिली सोनोग्राफी मशीन के संचालन के लिए अब तक भी सोनोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं की जा सकी। इतना ही नहीं यहां स्थापित ब्लड स्टोरेज यूनिट की सुविधा भी खून की कमी वाले जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रही है। लापरवाहों की लिस्ट में उच्च शिक्षा विभाग के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी भी पीछे नहीं है। उनकी लापरवाही का ही नतीजा है कि शासकीय राजा भोज कॉलेज को मिली 8 करोड़ 40 लाख की राशि 2 साल पहले लैप्स हो गई। यदि जिम्मेदारों ने इस मामले में संवेदनशीलता दिखाई होती तो आज नगर के बच्चे सर्व सुविधा युक्त कॉलेज भवन में बैठकर पढ़ाई कर रहे होते। परंतु जिम्मेदारों ने इसकी कोई परवाह नहीं की। परिणाम स्वरूप विद्यार्थी बरसों पुराने भवन में बिना सुविधाओं के शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हो रहे हैं।

             नगर सरकार अपने नागरिकों कि महत्वपूर्ण आवश्यकताएं पूरी करने में कितनी संजीदा है इसका अनुमान दो करोड़ 93 लाख की लागत से बनाए गए बस स्टैंड को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। नपा अधिकारियों ने मंत्री और मुख्यमंत्री से वाहवाही लूटने के चक्कर में उन्हें गुमराह कर इस निर्माणाधीन भवन का  लोकार्पण तो करा दिया,लेकिन अब तक इसका संचालन शुरू करने की याद नही आई। जिम्मेदार नपा अफसर और अध्यक्ष इसका संचालन शुरू कराने की बजाए आंखें मूंदे हुए हैं।महत्वपूर्ण बात यह है कि नपा अफसरों की उदासीनता के साथ सत्ता पक्ष और विपक्ष  के पार्षद भी जनहित के इस गंभीर मामले में मौन साधे हुए हैं। इस तरह जिम्मेदारों की अनदेखी सेरहवासियों को लंबी दूरी की बसों के स्टॉपेज की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। जिससे उनमें आक्रोश पनपने लगा है।

 4 साल बाद भी नही की जा सकी सोनोलॉजिस्ट की नियुक्ति:

नगर का गरीब तबका लंबे समय से सोनोग्राफी जांच सुविधा का इंतजार कर रहा है,लेकिन उनकी यह आस जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते पूरी नहीं हो पा रही है। ये हाल तब है जब अस्पताल को 4 साल पहले मशीन मिल चुकी है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के अफसर जरुरतमंदों को सोनोग्राफी जांच सुविधा दिलाने में जमकर कोताही बरत रहे हैं।इस संवेदनशील मामले में स्थानीय से लेकर क्षेत्रिय जनप्रतिनिधि भी उदासीनपूर्ण कार्यशैली अपनाएं हुए हैं।  जिसका नुकसान गरीब गर्भवती महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें निजी अस्पतालों में मंहगी जांच कराने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस महत्वपूर्ण मशीन का सुचारू संचालन न हो पाने का एक बड़ा कारण सरकारी डॉक्टर और निजी सोनोग्राफी सेंटर संचालकों का गठजोड़ ही हैं।इनका गठजोड़ ये नहीं चाहता कि अस्पताल आने वाले लोगों को मुफ्त में सोनोग्राफी जांच सुविधा मिले। इसके शुरु होने से जहां प्राइवेट सेंटर संचालकों की दुकानदारी बंद हो जाएगी।वहीं सरकारी डॉक्टरों को कमीशन में मिलने वाली मोटी कमाई से हाथ धोना पड़ेगा। यही कारण है कि गरीबों को मिलने वाली चिकित्सा जांच सुविधा के शुरु कराने को लेकर हर स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है।इसी तरह की अनदेखी ब्लड स्टोरेज यूनिट को लेकर भी की जा रही है। जिासके चलते गरीब वर्ग की खून की कमी से जूझ रहीं जरूरतमंद गर्भवती महिलाओं को खून के लिए भटकना पड़ रहा है। 

 तो मिलने लगती यू जी सी से ग्रांड:

शासन  ने 3 साल पहले नगर के शासकीय राजा भोज कॉलेज भवन निर्माण

के लिए उच्च शिक्षा विभाग को 8 करोड़ 40 लाख की राशि स्वीकृत की थी। इस राशि से 5 एकड़ में

कॉलेज का नवीनभवन का निर्माण कराया जाना था। लेकिन कॉलेज के पास स्वयं की

जमीन न होने और राजस्व विभाग द्वारा भूमि उपनलब्ध न करा पाने के कारण दो साल पहले राशि लैप्स हो गई।इससे एक और जहां विद्यार्थियों को सर्वसुविधा युक्त भवन की सौगात नही मिल पाई । वहीं कॉलेज को यू जी सी से  मिलने वाली ग्रांड से भी  हाथ धोना पड़ रहा है।

इनका कहना है                         

सोनोलॉजिस्ट की नियुक्ति के लिए शासन को पत्र लिखा है। आशा है जल्दी ही इस पद पर नियुक्ति हो जाएगी।

डॉ दीनेश खत्री , सीएमएचओ रायसेन

मैं जानकारी लेता हूं कि बस स्टेंड का संचालन क्यों नही कराया जा रहा है। इसके बाद सीएमओ को शीघ्रातिशीघ्र बस स्टेंड शुरू करवाने के लिए कहा जाएगा।

उमाशंकर भार्गव,कलेक्टर

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