अब नाम से होगी रातापानी अभ्यारण के बाघों की पहचान
नामकरण की प्रक्रिया पूरी करने में जुटा वन प्रबंधन
धारियों से होगी बाघों की पहचान
मंडीदीप। औबेदुल्लागंज वन मंडल के अंतर्गत आने वाले रातापानी सेंचुरी में विचरण करने वाले बागों को अब उनके नाम से पहचाना जाएगा। वन प्रबंधन नामकरण की कवायद में जुट गया है। यह कवायद शीघ्र पूरी कर ली जाएगी। इसके लिए फिलहाल वन मंडल के अधिकारी बाघों की तस्वीरें एकत्रित करने में जुटे हुए हैं। इसके बाद बाघों को t1, t2 जैसे नामों से पहचाना जाएगा। अब तक बाघों को नाम से पहचाने की व्यवस्था राष्ट्रीय बाघ उद्यानों में लागू है। जिसे अब अधिकारी रातापानी अभ्यारण में भी लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि अभ्यारण में छोटे-बड़े करीब 54 बाघ-शवक है। इनमें 3 महीने के बाल शवक से लेकर 12 साल तक की उम्र के युवा बाघ भी शामिल है।
कैसे होगी बाघों की पहचान:
डीएफओ विजय कुमार बताते हैं कि बाघों की पहचान के लिए ट्रेप कैमरों से फोटो ली जा रही है।उसकी सहायता से नामकरण करेंगे। बाघों का नामकरण उनके स्ट्रिप्स यानी धारियों के आधार पर करेंगे। उनके नाम t1 ,T2 ,T3 आदि होंगे। बाघ के बच्चों के नाम T12,T23 के नाम पर रखे जाएंगे। हमारे पास फोटोस आ चुकी है। इन फोटो को देखकर हम बाघों को आईडेंटिफाई करेंगे और उनको अलग-अलग नाम देंगे ।