मंडीदीप अंडर पास ब्रिज में पानी निकासी की व्यवस्था ना होने से ब्रिज में भरा ढाई फीट पानी,अवरुद्ध हुआ आवागमन ,

0

 सहूलियत बनी मुसीबत 

क्षेत्र में 9 एमएम वर्षा होने से ही रेलवे अंडर ब्रिज में पानी भरने से अवरुद्ध हुआ आवागमन 

 मंडीदीप अंडर पास ब्रिज में पानी निकासी की व्यवस्था ना होने से ब्रिज में भरा ढाई फीट पानी

रेलवे अंडर ब्रिज में पानी भरने से अवरुद्ध हुआ आवागमन 
क्षेत्र में 9 एमएम वर्षा होने से ही रेलवे अंडर ब्रिज में पानी भरने से अवरुद्ध हुआ आवागमन 

 मंडीदीप। औद्योगिक नगरी के नागरिकों को जान जोखिम में डालकर रेलवे फाटक पार ना करना पड़े इसके लिए रेलवे द्वारा अंडर पास की सुविधा दी गई है। परंतु अब यह सहूलियत  लोगों के लिए  मुसीबत बन गई है दरअसल  वार्ड 1 में बनाया गया रेलवे अंडरपास बीते दिनों रविवार को हुई 9 एमएम बरसात से ही उफान पर आ गया । यहां करीब ढाई फीट पानी भर गया है। इससे  वाहन चालको का आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। ब्रिज से पानी निकासी की व्यवस्था न होने से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है।अभी हल्की बारिश में ही है स्थिति है तो  आगामी बरसात के दिनों में क्या स्थिति होगी  इसे आसानी से समझा जा सकता है। ऐसे में पानी निकासी की अनदेखी करने से रेलवे की प्लानिंग और डिजाइन पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं।

ज्ञात है कि नगर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाने के लिए रेलवे लाईन पार करनी पड़ती थी। जिससे रहवासियों को  घंटों फाटक खुलने का इंतजार  करने के साथ ही लंबा रास्ता तय करना पड़ता था। इससे उनका समय और धन दोनों खर्च होता था। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे द्वारा वार्ड 1 महावीर नगर कॉलोनी में अंडरपास का निर्माण कराया गया है।

इस पर लगभग  ढाई करोड़ की राशि खर्च की गई है । इसे 3 मीटर ऊंचा 5 मीटर चौड़ा और 21 मीटर लंबाई में बनाया गया है। इसके बन जाने के बाद से सर्दी और गर्मी में तो रहवासियों को बड़ी सुविधा मिल रही है परंतु बरसात में यह परेशानी का कारण बनेगा। इसका कारण ब्रिज में पानी निकासी की व्यवस्था ना करना है। वार्ड 23 निवासी अनिल भंवरे बताते हैं कि हल्की सी बारिश में ही ब्रिज में ढाई फीट से अधिक  पानी जमा हो गया यदि इस स्थिति में कोई वाहन चालक वाहन निकालता है तो उसकी गाड़ी का इंजन सीज होने का डर बना रहता है। वहीं यदि वाहन चालक अन बैलेंस होगा पानी में गिरेगा तो उसकी गाड़ी का इंजन खराब होने के साथ ही मोबाइल भी खराब होने का डर बना रहता है। ऐसी स्थिति में उसे 70000 से 100000 तक का नुकसान होने की संभावना है।

अंडर पास की डिजाइन पर उठ रहे सवाल:

बता दें कि पिछले 5 सालों में रेलवे द्वारा मंडीदीप के साथ इटाया कला ,एवं  नाना खेड़ी सहित अन्य स्थानों पर अंडर पास बनाए गए हैं परंतु सभी में इसी तरह की स्थिति देखी जा सकती है। बरसात के दिनों में अंडर ब्रिज लबालब हो जाते हैं। जिससे दर्जनों गांव का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाता है। इसी के चलते 2 साल पहले नाना खेड़ी सहित आसपास के ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे जाम कर दिया था। तब जिला प्रशासन के कहने पर रेलवे प्रशासन ने इटावा कला और नानाखेड़ी अंडर ब्रिज में भरे पानी को निकालने के लिए पंप लगाने की व्यवस्था कर दी है। इस तरह सभी अंडर ब्रिज से पानी निकासी व्यवस्था ना कराए जाने से इनकी डिजाइन पर सवालिया निशान उठ रहे हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !