वेतनमान, स्थानांतरण को लेकर मध्यप्रदेश में पटवारियों का आंदोलन शुरू SAARA APP अनइनस्टॉल किया, काली पट्टी ओर मास्क लगाकर दर्ज करवाया विरोध

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 वेतनमान, स्थानांतरण को लेकर मध्यप्रदेश में पटवारियों का आंदोलन शुरू

SAARA APP अनइनस्टॉल किया, काली पट्टी ओर मास्क लगाकर दर्ज करवाया विरोध

AKHILESH BILLORE , HARDA (M.P.)

MO :- 9425638014


 - वेतनमान 2800 ग्रेडपे की वर्षों से लंबित मांग को लेकर मध्यप्रदेश के पटवारी फिर से लामबंद हो गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वर्ष 2008 में पटवारियों के प्रांतीय सम्मेलन के दौरान सनावद में मंच से ग्रेडपे, वेतनमान बढ़ाने की घोषणा करने, इसके पश्चात समय समय पर पटवारियों द्वारा आंदोलन करने और प्रदेश के राजस्व मंत्रियों द्वारा मौखिक के अलावा लिखित में भी आश्वासन देने पर अपना आंदोलन समाप्त करने वाले पटवारी आज तक अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। सरकार की वादाखिलाफी से नाराज पटवारियों ने फिर से मध्य प्रदेश पटवारी संघ के प्रांतीय आवाह्न पर पटवारियों ने कल बुधवार से काली पट्टी बांधकर और काला मास्क लगाकर मांगों के समर्थन हेतु शासन के समक्ष विरोध दर्ज करवाया और सारा एप आइडी से लॉग आउट होकर अनस्टॉल कर दिया। सारा ऐप बंद करने से पीएम किसान और सीएम किसान सम्मान निधि काम नहीं होगा।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी पटवारियों ने विभिन्न स्तर पर ज्ञापन देकर इस संबंध में विरोध जताया हैं।

मध्यप्रदेश पटवारी संघ संवाद समिति के अध्यक्ष राजीव जैन ने बताया कि संघ का कहना है कि पटवारी 24 घंटे, सातों दिन सारे शासकीय कार्य कर रहा है। पटवारियों की मेहनत का ही परिणाम है कि मप्र शासन को राजस्व संबंधी सेवाओं में एक नंबर आने पर प्रधानमंत्री ने सम्मानित भी किया है।

बावजूद इसके पटवारियों के कार्यों को महत्व न देते हुए उस पर नित नए कार्यों, योजनाओं को लागू कर दिया जाता है। कार्य संपादन के लिए कोई संसाधन भी उपलब्ध नहीं कराये जाते हैं। पटवारी अपने वेतनमान बढ़ाने को लेकर वर्षों से मांग कर रहे हैं जिस पर मुख्यमंत्री सहित समय-समय पर रहे राजस्व मंत्रियों ने भी अपनी सहमति दी और विधिवत इसके लिए नोटशीट भी चलाई किंतु राजस्व विभाग की महत्वपूर्ण इकाई पटवारी को वेतनमान के मामले में नजरअंदाज किया जा रहा है इससे प्रदेश के पटवारी आक्रोशित हैं। इसके साथ ही नवीन भर्ती पटवारियों के लिए सीपीसीटी परीक्षा की अनिवार्यता समाप्त करने और पटवारी पद जिला स्तर का होने की वजह से गृह जिले में स्थानांतरण की मांग भी पटवारियों द्वारा रखी गई है ।

मध्य प्रदेश के 46 विभागों का काम करते हैं पटवारी

पटवारी राजीव जैन ने बताया कि पटवारी फील्ड का कर्मचारी हैं और शासन के 46 विभागों का कार्य मैदानी स्तर पर संपादित कर रहा है। अतः पटवारियों के कार्यों की प्रकृति को देखने के बावजूद वेतनमान नहीं बढ़ाया जाना दुखद है। आज के इस महंगाई के दौर में पटवारी अल्प वेतन में शासकीय कार्य संपादित कर रहा है। आज के समय में पेट्रोल डीजल से लेकर महंगाई काफी बढ़ चुकी है इसके बावजूद भी पटवारियों का वेतन नहीं बढ़ाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश के मुखिया यशस्वी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान जिन्होंने खुद इस बात को स्वीकारा कि पटवारियों का वेतन अल्प है और इसके बावजूद 13 वर्षों बाद भी उनके द्वारा पटवारियों की वेतनमान संबंधित मांगों का निराकरण नहीं किये जाने के कारण पटवारियों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ा है।

पटवारियों द्वारा सारा एप से लॉग आउट होकर विरोध दर्ज करवाने  स्थिति में न केवल पटवारी संवर्ग द्वारा किए जा रहे विभागीय कार्य बाधित होंगे बल्कि प्रशासन ओर आम जनता को परेशानी होगी। पटवारी संघ द्वारा चरणबद्ध तरीके से आंदोलन प्रारंभ किया गया है जोकि धीरे धीरे उग्र होगा और पटवारियों द्वारा कलम बंद आंदोलन कर हड़ताल के लिए अग्रेषित होगा। प्रशासन को इस और शीघ्र ध्यान देकर पटवारियों की न्यायोचित मांगो का निराकरण करना चाहिए।

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