नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला ने कहा कि भगवान राम, कृष्ण और शिव भारतीय मुस्लिमों के पूर्वज हैं और उन्हें 'भारतीय भूमि और संस्कृति' को नमन करना चाहिए। शुक्ला ने दावा किया कि मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) और योगी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) सरकार ने इस्लामिक स्टेट बनाने की मंशा रखने वाली सोच को मटियामेट कर देश में हिंदुत्व व भारतीय संस्कृति का परचम लहरा दिया है। शुक्ला ने शाम बलिया में राज्य सरकार की साढ़े चार साल की उपलब्धियों का रिपोर्ट कॉर्ड प्रस्तुत करते हुए पत्रकारों से कहा, ''भारत के मुसलमानों के पूर्वज भगवान राम, कृष्ण और शंकर हैं। उन्हें काबा की धरती देखने की जरूरत नहीं है। इन लोगों को भारत की भूमि और संस्कृति के आगे नमन करना चाहिए शुक्ला ने कहा कि सीरिया और अफगानिस्तान के बाद विभिन्न देशों के कुछ लोग दुनिया को एक इस्लामिक राज्य बनाना चाहते थे। भारत में भी कुछ लोगों की ऐसी ही सोच थी, लेकिन मोदी और योगी की केंद्र और प्रदेश की सरकार ने हिंदुत्व और 'भारतीय संस्कृति' का देश में परचम लहराकर इस सोच को मटियामेट कर दिया। हाल ही में संभल में लगाए गए विवादास्पद पोस्टरों का उल्लेख करते हुए, शुक्ला ने कहा कि ''इस्लामिक आतंकवादियों को समाजवादी पार्टी के समर्थन और समाजवादी पार्टी के सम्भल के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के खुलेआम तालिबान के समर्थन में बयान देने से ऐसे कार्यों को प्रोत्साहन मिलता है।'' इस सप्ताह की शुरुआत में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की बैठक से पहले संभल को "गाज़ियों" (इस्लामी योद्धाओं) की भूमि कहने वाले पोस्टर सामने आए थे। भारतीय जनता पार्टी ने पोस्टरों पर कड़ी आपत्ति जताई थी, जिसके बाद उन्हें अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के कार्यकर्ताओं ने हटा दिया था। शुक्ला ने कहा कि ''उत्तर प्रदेश की धरती से गाजियों का पूरी तरह सफाया कर दिया गया है। ऐसी शक्तियां भविष्य में सिर नहीं उठा पाएंगी। योगी सरकार ऐसी शक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।'' राज्य मंत्री ने कहा कि ''असदुद्दीन ओवैसी के पूर्वज हैदराबाद को अलग राष्ट्र बनाना चाहते थे, वह कामयाब नहीं हो सके, ऐसी मानसिकता रखने वाले लोग अभी भी हैं, यह बुजदिल लोग हैं और इनके पूर्वज भयवश मुसलमान बन गए थे। उन्होंने कहा कि मोदी व योगी सरकार में इस तरह की सोच पनप नहीं सकती।