भोपाल । राजधानी की सड़कों पर तेज रफ्तार से वाहन दौड़ाने का शौक अब महंगा साबित होगा। बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए पुलिस ने अब तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने वालों की नकेल कसना शुरू कर दी है। व्यावसायिक वाहनों के तेज रफ्तार से चलते मिलने पर तीन हजार और निजी वाहनों के तेज रफ्तार से चलते पाए जाने पर एक हजार रुपये का जुर्माना वसूल किया जाएगा। इसके लिए पुलिस अत्याधुनिक स्पीड ट्रेसिंग मशीन से शहर की सड़कों पर नजर रखेगी। तय गति सीमा से अधिक रफ्तार से चलने वाले वाहन की तस्वीर खींचकर वाहन की रफ्तार भी रिकार्ड कर लेती है। खास बात यह है कि यह मशीन 50 मीटर की दूरी से भी सफलतापूर्वक रिकार्डिंग कर लेती है।
ट्रैफिक थाना प्रभारी विजय दुबे ने बताया कि व्हीकल डिटेक्शन पोर्टल (वीडीपी) के जरिए शहर में वाहनों की चेकिंग की जा रही है। इस मशीन के माध्यम से वाहन के वास्तविक इंजन नंबर, चेसिस नंबर और रजिस्ट्रेन नंबर की तस्दीक हो जाती है। इस मशीन के इस्तेमाल से वाहन के चोरी के अभी तक लगभग पांच सौ मामले पकड़े जा चुके हैं। इसी क्रम में अब तेज रफ्तार से हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए दो अत्याधुनिक स्पीड ट्रेसिंग मशीन का ट्रायल शुरू किया गया है।
पुलिस मुख्यालय से मिली इन मशीनों के माध्यम से पुलिस शहर की ऐसी सड़कों पर आकस्मिक चेकिंग करेगी, जहां लोग लापरवाहीपूर्वक तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं। जिससे अक्सर गंभीर सड़क हादसे होते हैं। शहर में अलग-अलग स्थानों पर वाहन चलाने की गति सीमा निर्धारित है। सड़कों के किनारे सड़क निर्माण करने वाली संबंधित एजेंसियां पर तय गति सीमा के बोर्ड भी लगाती है। यदि कोई वाहन चालक तय गति सीमा से अधिक रफ्तार से वाहन चलाता मिला तो उसके खिलाफ चालानी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत व्यावसायिक वाहनों के तेज रफ्तार से चलते मिलने पर तीन हजार और निजी वाहनों के तेज रफ्तार से चलते पाए जाने पर एक हजार रुपये का जुर्माना वसूल किया जाएगा।