जबलपुर । बिल वसूली के दौरान आए दिन बिजली कर्मियों के साथ लगातार विवाद हो रहा है फिर भी उनकी सुरक्षा पर सरकार गंभीर नहीं दिख रही है। प्रदेश में पुलिस की तरह सुरक्षा के लिए बिजली थाने खोलने की सालों से मांग हो रही है। कंपनियां तक इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर चुकी है, लेकिन सरकार की तरफ से कोई निर्णय नहीं हो रहा है। ऊर्जा विभाग की तरफ से थाने खोलने को लेकर मंथन हो रहा है। इधर अभियंता संघ का दावा है कि सरकार की खुद बिजली चोरी रोकने में रुचि नहीं है। यही वजह है कि बिजली चोरी कम होने की वजह बढ़ रही है। जिसका सीधा असर आम लोगों पर आ रहा है।
कैसे होने हैं थाने : बिजली चोरी रोकने और बिल वसूली के दौरान होने वाले विवाद को नियंत्रित करने के लिए बिजली थाने खोले जाने हैं। बिजली कंपनी लगातार बढ़ रही चोरी और वसूली में आ रही दिक्कतों को देखकर बिजली थाने खोलने जा रही है। इस संबंध में ऊर्जा विभाग से प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों को जनवरी 2021 में पत्र जारी हुआ है कि वे अपने प्रस्ताव भेजे। जिला स्तर थाने की स्थापना होनी है। इसमें दो उप निरीक्षक, चार सहायक उप निरीक्षक, आठ प्रधान आरक्षक के अलावा 16 आरक्षक का स्टाफ रखा जाना है। वर्तमान में अभी बिजली चोरी से जुड़े मामलों में विवाद की स्थिति बनने पर बिजली विभाग को सामान्य पुलिस से मदद लेनी होती है। बिजली थानों में बिजली चोरी, बिजली अधिकारियों से जुड़े विवाद सभी प्रकरणों के लिए अलग से थाना होगा। जहां इन मामलों की जांच की जाएगी। राजस्व वसूली के दौरान भी बिजली अधिकारी कंपनी की पुलिस की मदद ले सकते हैं। कानूनी अधिकार क्या होंगे अभी इसको लेकर मंत्रालय स्तर पर निर्णय नहीं लिया गया है।
प्रदेशभर में हो रहे विवाद : मप्र यूनाइटेड फोरम फार पावर इप्लाइज एवं इंजीनियर्स के संयोजक व्हीकेएस परिहार का कहना है कि बिजली कर्मियों के साथ वसूली के दौरान लगातार विवाद हो रहे हैं। पिछले एक माह में अकेले ग्वालियर संभाग में आधा दर्जन घटनाएं हुई। इसके अलावा विंध्य और महाकोशल अंचल में भी कई मामले सामने आए। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा ही चोरी रोकने की नहीं है। उन्हें बिजली कर्मियों की सुरक्षा की चिंता भी नहीं है। बिजली थाने खुलने से बिजली चोरी करना मुमकिन नहीं होगा। उनके अनुसार कई बार प्रमुख सचिव स्तर पर भी बिजली थाने की जरुरत पर जोर दिया गया लेकिन सरकार के स्तर पर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
व्यय का आंकलन जारी : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने कहा कि बिजली थानों के प्रस्ताव पर अभी समीक्षा हो रही है। थानों की आवश्यकता, स्थापना व्यय, संरचना समेत कानूनी अधिकार आदि बातों को लेकर मंथन हो रहा है। इस मामले में विभाग अतिशीघ्र फैसला लेगा। जहां राजस्व वसूली में दिक्कत आ रही है वहां सेवानिवृत्त आर्मी के जवान लगाए गए हैं। उनकी सहायता से वसूली करवाई जा रही है। विभाग सभी पहलुओं को देखकर तय करेगा कि बिजली थाने खुलेंगे कि नहीं।
फिलहाल निर्णय नहीं : इधर प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने कहा कि बिजली थाने खोलने का प्रस्ताव था लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। उन्होंने माना कि बिजली थाने को प्रस्ताव चर्चा में है। इसको लेकर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है।