जयपुर । राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सत्ता संघर्ष की लड़ाई एक बार रूक गई थी मगर हक मारे जाने की अन्र्तआत्मा की टीस आज भी कुलान्चें मार रही है जिसका उदाहरण आज सचिन पायलट ने अपनी टोंक यात्रा के दौरान लखीमपुर खीरी की घटना को आधार बनाते हुए इशारों ही इशारो में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा दो अक्टूबर के दिन अपनी सरकार के अच्छे कामो की बदौलत कांग्रेस पुन: सत्ता में लौटेगी इतना ही नहीं उन्होने अपने स्वास्थ्य के बारे में भी चिंता जताते हुए कहा कि प्रदेशवासियों की दुआओं के कारण मै फिर काम पर लौट आया हूं मगर इसमें भी कोई दुखी होता हो तो हो इससे मुझे कुछ नहीं होगा।
गहलोत के इस जवाब पर सचिन पायलट ने इशारों की भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि जब जनता करवट बदलती है तो इतनी जोर की पलटी पड़ती है कि आदमी को पता ही नहीं पड़ता क्या हो रहा है। पायलट ने कहा कि जिन लोगों के अंदर यह घमंड और अहंकार आ जाता है कि हम जीवन के अंतिम पड़ाव तक सत्ता में बैठे रहेंगे. मै समझता हूं कि वो गलत है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि पायलट ने प्रतिक्रिया भले ही लखीमपुर खीरी पर दी है, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया पूरी तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर इंकित करती है और एक तीर से दो निशाने वाली शब्दार्थ भाषा है का अर्थ प्रकट करती है।