भोपाल । नगर परिषद भौंरासा के अकाउंटेंट हरिओम कचोले को रिश्वत लेते हुए उज्जैन लोकायुक्त टीम ने सोमवार को रंगेहाथ पकड़ा। अकाउंटेंट ने पानी सप्लाई के बिल को लेकर रिश्वत की मांग की थी। गिरफ्त में आने के बाद अकाउंटेंट बोला - मैंने तो सीएमओ मैडम माया मंडलोई के कहने पर रुपए लिए थे। मैडम ने कहा था कि बिल का 40 परसेंट लेना है। पकड़ाने के बाद सीख देते हुए कहा- मैं तो पकड़ में आ गया। बस यही कहना चाहता हूं कि किसी को रिश्वत नहीं लेना चाहिए। मुझ पर तो कार्रवाई होनी ही चाहिए। नियम से मैडम पर भी एक्शन हो। वहीं, इन आरोपों पर सीएमओ की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
भौंरासा के रहने वाले मनीष यादव ने अकांउटेंट द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत लोकायुक्त उज्जैन को थी। 2019 में मनीष ने नगर परिषद को अपने निजी ट्यूबवेल से 50 रुपए रुपए प्रति टैंकर से हिसाब से पानी सप्लाई किया था। सवा दो लाख रुपए का बिल बना था। जब मनीष ने रुपयों की मांग की तो अकाउंटेंट ने 40 प्रतिशत कमीशन की बात कही। सोमवार को अकाउंटेंट ने कहा था कि वह एक लाख रुपए का चेक देगा। बदले में उसे उसका कमीशन 40 हजार रुपए देना होगा। प्लानिंग के अनुसार मनीष 20 हजार रुपए लेकर पहुंचा। जैसे ही उसने अपने दफ्तर में 20 हजार रुपए लिए, टीम ने उसे दबोच लिया।
पीडि़त बोला - 40 प्रतिशत मांगे थे
शिकायतकर्ता मनीष यादव का कहना है कि नगर परिषद के वर्क ऑर्डर पर मार्च 19 से अगस्त 2019 तक 5 महीने सुबह से शाम तक टैंकर भरे। इसका कुल बिल 2 लाख 22 हजार 350 रुपए बना। मनीष का आरोप है कि सीएमओ माया मंडलोई ने अकाउंटेंट के जरिए 40 फीसदी रिश्वत मांगी। इस हिसाब से इन्होंने - 88 हजार 800 रुपए का भुगतान करना होगा। इन्होंने राउंड फिगर में 80 हजार देने को कहा था। जब मैंने कहा कि 40 फीसदी बहुत ज्यादा है, 70 हजार तक कर लो। अकाउंटेंट बोला- मैडम नहीं मान रही। इस पर मैं उज्जैन लोकायुक्त के पास पहुंचा और उनकी प्लानिंग के तहत 20 हजार रुपए लेकर पहुंचा। मैंने 20 हजार दिए और कहा कि 15 मिनट में बाद 20 हजार और लेकर आता हूं।
मैडम के कहने पर रुपए लिए
भौंरासा नगर परिषद के अकाउंटेंट हरिओम कचोले का कहना है कि लोकायुक्त ने पकड़ा है तो मामले में सच्चाई तो है। मैंने सीएमओ मैडम के कहने पर 20 हजार रुपए लिए थे। मैडम ने कहा था कि 40 परसेंट लगेगा। सवा दो लाख रुपए का बिल था। 40 फीसदी के हिसाब से 80 हजार रुपए से ज्यादा लेने थे। मैडम के कहने पर ही रुपए लिए हैं। मैं बस यही कहना चाहता हूं कि कोई रिश्वत नहीं ले।