लखनऊ। दीपावली के दिन उत्साह और गुलाबी ठंड में युवा देर रात तक पटाखे चलाते रहते हैं। इसके कारण वायु प्रदूषण अचानक से बढ़ जाता है। आतिशबाजी के कारण दीपावली और उसके अगले दिन उत्तर प्रदेश के कई शहरों की हवा बहुत खराब हो जाती है। राजधानी लखनऊ, औद्योगिक राजधानी कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गोरखपुर में एयर क्वलिटी इंडेक्स तेजी से बढ़ा हुआ दर्ज किया गया। आईक्यूए वेबसाइट के अनुसार, दीपावली के अगले दिन 5 नवंबर को लखनऊ में एक्यूआई 353, मेरठ में 471, आगरा में 356, नोएडा में 420, ग्रेटर नोएडा में 400, कानपुर में 392, गोरखपुर में 271 और वाराणसी में 178 दर्ज किया गया।
  संगम नगरी प्रयागराज में भी दीपावली के त्यौहार पर हुई आतिशबाजी से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। हालांकि पिछले 3-4 दिनों से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा था। छोटी दीपावली के मौके पर लोगों द्वारा आतिशबाजी किए जाने से संगम नगरी का एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़कर जहां 186 तक पहुंच गया था, वहीं दीपावली के मौके पर एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़कर 214 पहुंच गया है। पिछले 3.4 दिनों की बात करें तो एक नवंबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 161 था, 2 नवंबर को 167 और 3 नवंबर को 171 और 4 नवंबर को 186 था। जबकि दीपावली के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़कर 214 तक पहुंच गया। वायुमंडल में प्रदूषण बढ़ने के कारण लोगों को कई तरह की समस्याएं भी हो रही हैं। खास तौर पर बुजुर्ग और सांस के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत के साथ ही आंखों में जलन जैसी परेशानी भी हो रही है। गाड़ियों से निकलने वाले धुंए, कल कारखानों और ईंट भट्ठे से जहां पहले ही प्रदूषण हो रहा था। वहीं अब दीपावली के पटाखे ने प्रदूषण के स्तर को और भी बढ़ा दिया है। ऐसे में पर्यावरण विशेषज्ञ इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अगर दीपावली के मौके पर भी जमकर आतिशबाजी हुई तो प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ सकता है और एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के पार भी पहुंच सकता है। इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और पर्यावरण विशेषज्ञ अतुल गुर्टू के मुताबिक जिस तरह से एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ रहा है, यह बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा है कि लोग ग्रीन पटाखे जलाकर अपने पर्यावरण को न केवल सुरक्षित कर सकते हैं। बल्कि लोगों को तमाम बीमारियों से भी बचा सकते हैं।