पटना |की हवा में प्रदूषण का स्तर जानलेवा बन गया। गुरुवार की शाम शहर में वायु प्रदूषण की स्थिति अधिक खराब नहीं थी, लेकिन आधी रात होते-होते पटाखों के धुएं ने पूरे शहर को धुंध से ढंक दिया। यह स्थिति तब हुई, जब सरकार के स्तर से शहर में आतिशबाजी पर रोक लगाई गई थी। वायु प्रदूषण का सबसे बुरा हाल राजबंशीनगर और समनपुरा के इलाके में है। इन इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार चला गया है। मीठापुर, पाटलिपुत्र इंडस्ट्रियल एरिया, गुलजारबाग और आशियाना-दीघा रोड के आसपास भी एक्यूआइ 250 के करीब या इससे अधिक तक रहा। इसे कुछ बेहतर स्थिति दानापुर डीआरएम आफिस, शिकारपुर और मुरादपुर के इलाके में रही। बेहतर हवा के लिए AQI का 50 से कम रहना चाहिए। हालांकि इतनी बेहतर हवा पटना में बारिश के दिनों में ही होती है।
रात के एक बजे सबसे खतरनाक हालत थी हवा की
aqi.in नाम की एक वेबसाइट के मुताबिक दीपावली की रात पटना में वायु गुणवत्ता सूचकांक 800 के भी पार चला गया था। इस साइट पर बताया गया है कि गुरुवार की शाम चार बजे पटना का AQI 145 था, जो रात के एक बजे बढ़कर 833 तक चला गया। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि 300 से अधिक AQI को बेहद खतरनाक माना जाता है। 200 से 300 के बीच AQI को खतरनाक, 150 से 200 के बीच स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह, 100 से 150 के बीच खराब माना जाता है।
इस बार पटना में आतिशबाजी करने पर थी रोक
पिछले साल भी पटना में दीपावली के मौके पर प्रदूषण खतरनाक स्तर तक गया था। इसे देखते हुए ही राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal) के निर्देश पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Bihar State Pollution Control Board) ने इस बार पटना सहित बिहार के गया और मुजफ्फरपुर सहित चार शहरों में दीवाली पर आतिशबाजी पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद कई इलाकों में लोग गुरुवार की शाम से शुक्रवार की सुबह तक पटाखे छोड़ते रहे। ऐसी हवा सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।