बालिका को वधु बनने से बचाया-
कानून का भय और समझाईश के बाद माने परिजनप्रदीपन संस्था की पहल पर हुई कर्रवाई
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के साथ छिंदवाड़ा जिले में प्रदीपन संस्था बाल विवाह बाल शोषण बाल मजदूरी और बच्चों की खरीद फरोख्त के विरोध में कार्यरत है। संस्था के कार्यकर्ता ऐसे इन विषयों के बारे में गांव गांव जाकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं। मानव अधिकार दिवस के अवसर पर संस्था के कार्यकर्ताओं ने एक बालिका को वधू बनने से बचाया और उसके सही उम्र में विवाह के अधिकार को दिलाने में उसकी मदद की। परिजनों ने अधिकारियों और सरपंच के सामने पंचनामे पर हस्ताक्षर कर बालिका की सही उम्र के बाद विवाह ल
निगरानी दल की सक्रियता काम आई-
प्रदीप संस्था के जिला समन्वयक पंकज कनौजिया ने बताया कि गांव गांव में संस्था के कार्यकर्ताओं ने लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागृत किया। साथ ही उन्हें लोगों में से कुछ कार्यकर्ताओं का निगरानी दल बनाया। जो गांव में होने वाले बाल विवाह पर निगरानी रखकर संस्था को सूचित करते हैं। आज जब जिला
बाल विवाह की सूचना मिली तो संबंधित विभागों को इसकी जानकारी दी गई।
अधिकारीयों का दल पहुंचा विवाह रुकवाने-
जिला समन्वयक पंकज कनौजिया के साथ संस्था सचिव रेखा गुजरे के नेतृत्व में महिला बाल विकास परियोजन कार्यालय से सुपरवाइजर श्रीमती डेहरिया और स्थानीय पुलिस थाना से पुलिस अधिकरी ग्राम पंचायत बम्हनी पहुंचे जहां बाल विवाह होने जा रहा था। उनके साथ गांव के सरपंच भगवत यादव, नारायण प्रसाद उइके,सिंगोडी के सरपंच सीताराम यादव अंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं पुलिस विभाग से थाना प्रभारी रविन्द्र पवार प्रदीपन संस्था के सी.एस.डब्लू पूरन सिंह मरकाम,कमलाकर धुर्वे पहुंचे।
निगरानी दल की सक्रियता काम आई-
प्रदीप संस्था के जिला समन्वयक पंकज कनौजिया ने बताया कि गांव गांव में संस्था के कार्यकर्ताओं ने लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागृत किया। साथ ही उन्हें लोगों में से कुछ कार्यकर्ताओं का निगरानी दल बनाया। जो गांव में होने वाले बाल विवाह पर निगरानी रखकर संस्था को सूचित करते हैं। आज जब जिला
बाल विवाह की सूचना मिली तो संबंधित विभागों को इसकी जानकारी दी गई।
अधिकारीयों का दल पहुंचा विवाह रुकवाने-
जिला समन्वयक पंकज कनौजिया के साथ संस्था सचिव रेखा गुजरे के नेतृत्व में महिला बाल विकास परियोजन कार्यालय से सुपरवाइजर श्रीमती डेहरिया और स्थानीय पुलिस थाना से पुलिस अधिकरी ग्राम पंचायत बम्हनी पहुंचे जहां बाल विवाह होने जा रहा था। उनके साथ गांव के सरपंच भगवत यादव, नारायण प्रसाद उइके,सिंगोडी के सरपंच सीताराम यादव अंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं पुलिस विभाग से थाना प्रभारी रविन्द्र पवार प्रदीपन संस्था के सी.एस.डब्लू पूरन सिंह मरकाम,कमलाकर धुर्वे पहुंचे।
जुर्माना और जेल के डर से माने परिजन-
अधिकारियों ने परिजनों से लड़की की उम्र के दस्तावेज मांगे बालिका की उम्र जो 17 वर्ष पाई गई। जिसके बाद परिवार को बाल विवाह के दुष्परिणाम और समाज पर बाल विवाह से हो रहे दुष्परिणाम की जानकारी दी गई। महिला सुपरवाइजर एवं पुलिस थाना प्रभारी के द्वारा और प्रदीपन संस्था के द्वारा पंचनाम बनाया गया और परिवार को समझाया गया। उन्हें बताया कि बाल विवाह कानूनी अपराध है।जिसमें 2 साल की साज और 2 लाख तक जुर्माना या दोनो हो सकते है। कानूनन लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष पूर्ण होने पर ही विवाह मान्य है। कानून का खौफ और जेल जाने डर से परिजन मान गए। इस तरह एक बालिका को वधू बनने से बचाया जा सका।
अधिकारियों ने परिजनों से लड़की की उम्र के दस्तावेज मांगे बालिका की उम्र जो 17 वर्ष पाई गई। जिसके बाद परिवार को बाल विवाह के दुष्परिणाम और समाज पर बाल विवाह से हो रहे दुष्परिणाम की जानकारी दी गई। महिला सुपरवाइजर एवं पुलिस थाना प्रभारी के द्वारा और प्रदीपन संस्था के द्वारा पंचनाम बनाया गया और परिवार को समझाया गया। उन्हें बताया कि बाल विवाह कानूनी अपराध है।जिसमें 2 साल की साज और 2 लाख तक जुर्माना या दोनो हो सकते है। कानूनन लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष पूर्ण होने पर ही विवाह मान्य है। कानून का खौफ और जेल जाने डर से परिजन मान गए। इस तरह एक बालिका को वधू बनने से बचाया जा सका।