विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष
जहां चाह वहां राह:
हरियाली बढ़ाने के साथ ही संस्थान ग्रमीणों को दे रहा रोजगार
निखिल धाम संस्थान ने 15 सालों में पठार पर रोपे हजारों पौधे अब बना धना जंगल
मंडीदीप। कहते है कि यदि मन में कुछ कर गुजरने का जोश और जब्बा हो तो मार्ग में आने वाली मुश्किलें भी मददगार बन जाती है। ऐसा ही कुछ कीरतनगर में देखने को मिल रहा है। । जहां निखिल धाम चैरिटीबल संस्थानके प्रयासों ने पथरीली जमीन पर पेड़ पौधे उगा कर पहाड़ी को हरा भरा कर धना जंगल बना दिया। संस्थान द्वारा न केबल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरानीय काम किया जा रहा है, बल्कि ग्रमीणों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में कभी सुनसान और पथरीला रहने वाला यह स्थान आज आस पास के गांव का सबसे सुंदर और लोगों की आमदनी का माध्यम बन गया है।
आंध्र प्रदेश से मंगाते हैं पौधे:
निखिल धाम संस्थान द्वारा यहां जंगल उगाने से आसपास के कीरत नगर नयापुरा एवं मेंदुआ आदि गांव के सैकड़ों ग्रामीणों को रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है। जबकि 25 ग्रामीणों को नियमित रूप से रोजगार मिला हुआ है। जो पौधे लगाने से लेकर सिंचाई चौकीदारी सहित अन्य काम करते हैं। वहीं इस गर्मी के सीजन में ग्रामीण जंगल में लगे तेंदूपत्ता तोड़कर 250 से 500 रुपए प्रतिदिन कमा आ रहे हैं। इसके बाद अगामी दिनों में वे महुआ बीनकर कमाई कर सकेंगे ।
वन विभाग ने टेक्निकल सपोर्ट किया:
औबेदुल्लागंज बन मंडल अधिकारी विजय कुमार बताते हैं कि आश्रम का काम बहुत सराहनीय है। उन्हें हमारी ओर से टेक्निकल और लीगल सहायता दी गई। सामाजिक वानिकी विभाग ने उन्हें पौधे उपलब्ध करवाए थे।पौधे लगाने में जो भी खर्च हुआ है वह उनके द्वारा ही वहन किया गया है। इस तरह की हरियाली बढ़ाने के लिए अन्य लोगों को भी आगे आना चाहिए।